अर्चना कुमारी। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स का कहना है कि साल 2023 में 120 मीडियाकर्मी मारे गए। इनमे 68 गाजा संघर्ष में मारे गए । आईएफजे की विज्ञप्ति के मुताबिक वर्ष 2023 में 11 महिलाओं सहित एक सौ बीस मीडियाकर्मी मारे गए हैं।इस साल दुनिया भर में मारे गए पत्रकारों और मीडियाकर्मियों में से 68 प्रतिशत गाजा संघर्ष में मारे गए ।
गाजा में युद्ध के परिणामस्वरूप 75 फिलिस्तीनी, चार इजरायली व तीन लेबनानी पत्रकार मारे गए जबकि सीरिया में तीन मीडियाकर्मी मारे गए। एशिया-प्रशांत में, 12 मारे गए हैं, जिसमें भारत (3), अफगानिस्तान (2), फिलीपींस (2), बांग्लादेश (2), पाकिस्तान (2) और चीन (1) में एक मीडियाकर्मी शामिल हैं।
उत्तर और दक्षिण अमेरिका में 2023 में दस पत्रकार मारे गए। जिसमें तीन मैक्सिकन, एक परागु आयन, तीन ग्वाटेमाला, एक कोलंबियाई, एक होंडुरास और एक अमेरिकी शामिल हैं।
अफ्रीका में कैमरून (2), सूडान (1), लेसोथो (1), माली (1), सोमालिया (1), मोजाम्बिक (1), नाइजीरिया (1) तथा रवांडा में एक यानी कुल आठ पाकारों की हत्याओं की गई।
यूरोप में, तीन पत्रकार और मीडियाकर्मी – यूक्रेनी (1), रूसी (1) और फ्रांसीसी (1) – यूक्रेनी युद्ध में मारे गए हैं जबकि अल्बानिया में एक मीडियाकर्मी मारे गए हैं।
आईएफजे ने आठ दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दिवस से पहले मारे गए पत्रकारों की प्रारंभिक सूची प्रकाशित की थी। जिसमें 94 हत्याओं का जिक्र किया गया था। आईएफजे का कहना है कि नवीनतम वृद्धि गाजा युद्ध में अतिरिक्त मौतों के साथ-साथ महासंघ को अन्य हत्याओं के बारे में बताए जाने का परिणाम है।
महासचिव एंथनी बेलांगर ने कहा, हमारी संवेदनाएं पत्रकारों के परिवारों और समाचार कक्षों में हमारे सहयोगियों के साथ हैं, जो केवल अपना काम करने के कारण मारे गए सहकर्मियों की मौत पर शोक मना रहे हैं। हम हमेशा पत्रकारों को याद दिलाते हैं कि कोई भी कहानी उनके जीवन के लायक नहीं है, ऐसी कई स्थितियां हैं जहां उन्हें जानबूझकर कहानियों को कवर करने और जनता के जानने के अधिकार को प्रतिबंधित करने के लिए लक्षित किया जाता है।