संविधान के मूल ढाँचे की व्यर्थ बहस
शंकर शरण । डॉ. अंबेदकर ने कहा था: ‘‘राज्य के विभिन्न निकायों के काम सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान एक औजार मात्र है। यह औजार इस काम के लिए नहीं कि कुछ खास...
शंकर शरण । डॉ. अंबेदकर ने कहा था: ‘‘राज्य के विभिन्न निकायों के काम सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान एक औजार मात्र है। यह औजार इस काम के लिए नहीं कि कुछ खास...
सारा कुमारी। (हम ले के रहेगें आज़ादी) एक बहुत ही मशहूर कहावत है, खुद को स्वतंत्र करने की इच्छा हो तो सबसे पहले कोई एक्शन नहीं लेना होता हैं, वरन मन में केवल एक...
शंकर शरण। दुर्भाग्य से स्वतंत्र भारत में उन के शिक्षण को तिरोहित कर उन्हें मात्र ‘रिलीजियस’ श्रेणी में रख दिया गया। मानो उन की शिक्षाओं की बच्चों, युवाओं को आवश्यकता नहीं।…किन्तु याद करें, बरसों पश्चिम में कीर्ति-पताका...
लोहड़ी का पर्व एक राजपूत योद्धा दुल्ला भट्टी कि याद में पुरे पंजाब और उत्तर भारत में मनाया जाता है। भट्टी कबीला राजपूतों की एक प्रसिद्ध शाखा है। लोहड़ी की शुरुआत के बारे में...
Bhimrao Ramji Ambedkar is a historical personality, whose mere mentioning of the name evokes strong sentiments from people across the sociopolitical spectrum in modern Indian. Ambedkar has been glorified as a messianic character to...
सोनाली मिश्रा। रविश कुमार ने अडानी द्वारा चैनल खरीदे जाने एवं नौकरी छोड़ने के बाद यूट्यूब पर अपना दर्द साझा करते हुए एक वीडियो पोस्ट किया कि कैसे “शिक्षा माता” सावित्री बाई फुले का...
इतिहास सिर्फ विजेता लिखते है लेकिन अपने काले कारनामे हमारे भरोसे छोड़ जाते है। ३० अप्रैल १९४५ को हिटलर ने आत्महत्या कर ली। सोवियत संघ की सेना ने बर्लिन में प्रवेश किया। मात्र ३...
डॉ. वेदप्रताप वैदिक । देश के 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन और लगभग 25 लाख पूर्व सैनिकों को पेंशन में फायदे की घोषणा, जो सरकार ने अभी-अभी की है, उसका कौन स्वागत नहीं...
“अलाउद्दीन खिलजी” की बेटी “शहज़ादी फिरोज़ा” जिसने हिंदू राजकुमार के लिए दी अपनी जान जालौर के “वीरमदेव सोनगरा चौहान” की गौरवगाथा । क्यूँकि ये सच्चाई आपको कोई फ़िल्मकार बड़ेपर्दे पर दिखाने का साहस नहीं...
महेंद पाल आर्य | ऋषि दयानन्द जी 1872 में बंगाल पहुंचे थे उन दिनों भारत कि राजधानी बंगाल थी बंगालभर को विद्वानों का प्रदेश माना जाता था |ऋषि दयानन्द जी चाहते थे विद्वानों से...
प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज । ईस्ट इंडिया कंपनी का जेम्स टॉड नामक कर्मचारी पहले सर्वेक्षक के रूप में कंपनी का नौकर होकर आया और फिर नापजोख के काम में कुशल होने के कारण उसे...
24 नवंबर 2022 असमिया योद्धा लचित बरफुकन की 400वी जयंती का दिन है. सोलहवीं सदी में मुग़ल विस्तारवाद को सफल चुनौती देने वाले लचित असम के समाज में एक नायक की तरह प्रतिष्ठित हैं...
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गाँधी (Congress Leader Rahul Gandhi) ने ‘भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra)’ के दौरान महाराष्ट्र में विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) पर देश के साथ धोखा देने का...
‘प्रशांत पोळ उदयपुर झीलों की नगरी हैं. पर्यटन की नगरी हैं. शान-शौकत, ऐशो-आराम की नगरी हैं. फाइव्ह स्टार, सेवन स्टार हाॅटेलों का यह शहर हैं. डेस्टीनेशन वेडिंग का स्थान हैं. बाॅलीवुड के कलाकारों के...
ईरान जहां कभी पारसी धर्म ने जन्म लिया था, अब उसी देश में उनके धर्म के तौर-तरीके कब्र में दफन होने के कगार पर हैं. पारसी अंतिम संस्कार के दौरान जुलूस निकालते हैं लेकिन...
ईरान की सीमा हर काल में घटती बढ़ती रही। आज का ईरान प्राचीन काल के ईरान से बहुत भिन्न है। ईरान की पहचान पहले पारस्य देश के रूप में थी। उससे पहले यह आर्याना...
दरभंगा महाराज लक्ष्मेश्वर सिंह कांग्रेस के संस्थापक सदस्य थे। 1888 में कांग्रेस सत्र इलाहाबाद में होना था, अंग्रेजी सरकार ने निषेधा लगा दिया की किसी सार्वजनिक जगह पर कार्यक्रम नहीं हो सकता है। देशभर...
धीरेन्द्र सिंह जादौन. रामायण और महाभारत के समय से लेकर चीनी यात्री हुएनसांग के भारत -भ्रंमन (ई0सन् 629-645 ) तक राजपूत शब्द जाति के अर्थ में प्रयुक्त नहीं होता था ।प्राचीन इतिहास और पुराण...
चन्द्रशेखर पटेल, जबलपुर पूजे न शहीद गए तो फिर, यह पंथ कौन अपनाएगा? तोपों के मुँह से कौन अकड़ अपनी छातियाँ अड़ाएगा? चूमेगा फन्दे कौन, गोलियाँ कौन वक्ष पर खाएगा? अपने हाथों अपने मस्तक...
राजस्थान के लगभग हर शहर में आपको फोर्ट, पैलेस, हवेली जैसी कई खूबसूरत ऐतिहासिक जगहें दिख जाएंगी। ये राज्य भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में काफी प्रसिद्ध है, यहां आपको स्थानीय लोगों के...