Movie Review: इस मास्टर की क्लास भरपूर मनोरंजन देने के साथ सीख भी देती है
मास्टर फिल्म देखते हुए प्रतीत हुआ कि इसके निर्देशक लोकेश कंगाराज को दर्शकों की नब्ज़ कितनी अच्छी तरह पता है।
मास्टर फिल्म देखते हुए प्रतीत हुआ कि इसके निर्देशक लोकेश कंगाराज को दर्शकों की नब्ज़ कितनी अच्छी तरह पता है।
एक ग्रामीण बालक की कथा है, जो ‘हॉफ बेक्ड’ रह गया है। इस प्रतिभाशाली अनपढ़ की यात्रा एक निर्मम हत्या पर समाप्त होती है।
हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला तांडव वेब सीरीज को लेकर दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका में मांग की गई है कि निर्माता-निर्देशकों और कलाकारों पर ...
Saurabh Gupta : तांडव ये नाम है अमेज़न प्राइम पर रिलीज हुई सैफ अली खान और जीशान अयूब की मुख्य भूमिका वाली नई वेब सीरीज का जिसका काफी समय से जमकर प्रचार किया जा...
‘त्रिभंग’ माँ-बेटी के रिश्तों की गहराइयों में से नारी स्वतंत्रता का प्राचीन राग निकाल लाती है।
ये फिल्म देखते हुए आँखों से जो आंसू झलकेंगे, उन्हें आप मन की गुल्लक में जमा कर सकते हैं।
डाक्यूमेंट्री झकझोर देने वाले ढंग से बता रही है कि नियमित सोशल मीडिया जीवन जीने वालों पर कितना बड़ा संकट आ गया है।
सिस्टम ने भारत के आम आदमी को न केवल प्रताड़ित किया है अपितु उसके वस्त्र तक उतार लिए हैं।
इसे एक पार्टी की पराजय का डाक्यूमेंटेशन कहा जाए या आँखें खोल देने वाला एक बेहतरीन दस्तावेज कहा जाए।
भारतीय वायु सेना का अपमान यथावत है। अभिनेता अनिल कपूर ने जो माफ़ी मांगी थी, वह किसलिए थी?
वरुण धवन ने गोविंदा से प्रेरित होने के बजाय उनको पूरी तरह से कॉपी करने की कोशिश की।
निर्देशक के लिए आवश्यक था कि वह इस जटिलता को आसान कर दर्शकों को समझाता। आखिर हर दर्शक तो भौतिक विज्ञानी नहीं होता।
मन में सफल होने का विश्वास लेकर हर्षद स्टॉक मार्केट की सीढ़ियां चढ़ जाता है। तीक्ष्ण बुद्धि और व्यापारिक दिमाग के बल पर वह कम वक्त में शेयर बाज़ार की बड़ी ताकत बनकर उभरता है। 1
लंदन कॉन्फिडेंशल एक ऐसी पहली फिल्म है जो कोरोना काल में शूट की गई है। लंदन की पृष्ठभूमि पर बनाई गई इस फिल्म का विषय भी कोरोना के इर्द-गिर्द ही घूमता है। कहानी कुछ इस तरह है कि जब संसार कोरोना से उबरने का प्रयास कर रहा है, उस समय इससे भी खतरनाक एक वायरस भारत-चीन सीमा पर फैलना शुरू हो चुका है।
1984 में रहस्यमयी ढंग से लापता हुआ एक विमान 2019 में वापस आकर क्रेश हो जाता है। बहुत से यात्री मारे जाते हैं। एक प्रोफेसर और एक एयर होस्टेस इस दुर्घटना में जीवित बचे हैं। एक सीबीआई अधिकारी शांतनु को इस केस पर लाया गया है।
आश्रम का पहला सीजन देखने के बाद ये कहना होगा कि प्रकाश झा ने भी वही काम किया, जो शाहरुख़ खान क्लास ऑफ़ 83 बनाकर कर गए हैं। वास्तविक घटनाओं पर लिखी कहानी में काल्पनिक चरित्र डालकर परदे पर पेश करना अब एक निकृष्ट परंपरा बनती जा रही है।
हुसैन ज़ैदी एक ख्यात पत्रकार और लेखक हैं। उनकी किताब ब्लैक फ्राइडे पर बनी फिल्म अनुराग कश्यप ने निर्देशित की थी। उन्ही हुसैन ज़ैदी की एक किताब ‘क्लास ऑफ़ 83 : द पनिशर्स ऑफ़...
आप में से कितने दर्शक पाउली दाम को जानते होंगे। कितने हिन्दी दर्शकों ने पाउली की फ़िल्में देखी होंगी। बंगाली सिनेमा के इस काले जादू का सम्मोहन कितनों को छूकर निकल गया होगा। बंगाली...
वास्तविक कथाओं पर फ़िल्में बनाना बॉलीवुड का पुराना चलन है। सम-सामयिक घटनाओं या राष्ट्रीय नायकों की आकर्षक जीवनियों को कैश करना अब एक विकृति का रूप ले चुका है। करण जौहर की नई फिल्म...
अवरोध : The siege within यदि ‘उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक’ उरी आतंकी हमले से लेकर एलओसी पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर एक ‘सर्चलाइट’ डालती है तो ‘अवरोध-The siege within’ भारतीय सेना के पराक्रम...