Movie Review ‘वारिसु’ वर्सेज ‘थुनिवु’ के युद्ध में अजीथ कुमार पीछे रह गए
‘थुनिवु’ एक एक्शन थ्रिलर फिल्म है, जिसे अजीथ के प्रशंसक ही अधिक पसंद करेंगे।
Movie Review पाक में भारतीय एजेंट के वास्तविक मिशन को दिखाती है ‘मिशन मजनू’
‘ऑपरेशन कहुटा’ के बारे में जानने के लिए ये फिल्म देखी जा सकती है।
Movie Review थलापति विजय के करिश्मे से धड़कती है ‘वारिसु’
दक्षिण भारतीय फ़िल्में परिवार के लिए बनाई जाती है और यहीं उनकी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ भी होती है।
Movie Review लचर डायरेक्शन वाली ‘कुत्ते’ रिलीज के पहले ही दिन औंधे मुंह गिर पड़ी
‘कुत्ते’ दर्शक को प्रभावित करने में असफल रही है।
Movie Review ‘आर या पार’ जल, जंगल और ज़मीन के संघर्ष को रोचकता से दिखाती है
ये रोचक वेबसीरीज 16 वर्ष से ऊपर के दर्शक देख सकते हैं।
Movie Review योग वशिष्ठ के मायावाद की झलक ‘1899’ में स्पष्ट दिखाई देती है
इस वेबसीरीज को वयस्क दर्शकों को ही देखना चाहिए।
Movie Review ये इंडोनेशियाई सुपरहीरो हमारी महाभारत से जन्मा है
ये इंडोनेशियाई सुपरहीरो आपको अपना सा लगेगा।
Movie Review : जयाभारती की ‘किक’ में ही फिल्म की फिलॉसफी छुपी बैठी है
भारतीय समाज की इस कॉमन समस्या को मनोरंजक ढंग से दर्शक के सामने रखती है।
Movie Review पहले ही दिन उखड़ गए ‘सर्कस’ के तंबू
आज गुलज़ार की क्लासिक ‘अंगूर’ देख डालिये। आपका वीकेंड खूबसूरती से बीतेगा।
‘कांतारा’ की जड़ों को भूलता आधुनिक भारत!
संदीप देव । आखिर #netflix पर ‘कांतारा’ फिल्म मैंने देख ली। ‘कांतारा’ का अर्थ है प्रकृति व मनुष्य के बीच का विज्ञान! इसका शाब्दिक अर्थ है जंगल का रहस्य, जंगल के देवता अदि परंतु...
Box Office Report ‘अवतार : द वे ऑफ़ वॉटर’ का वीकेंड 3600 करोड़ का हुआ
फिल्म ने भारत में 130 करोड़ नेट कलेक्शन कर डाला है।
Movie Review ये फिल्म कॉमेडी और थ्रिलर के बीच अपना रास्ता तलाशती रह जाती है
फूहड़ कॉमेडी से सजी ये फिल्म न देखी जाए तो ज़्यादा बेहतर।
Movie Review ‘अवतार : द वे ऑफ़ वॉटर’ विश्व सिनेमा को एक नई ऊंचाई पर ले गई है
इस बार अपना वीकेंड अंडरवॉटर मनाइये, कैमरुन आपकी बाट जोह रहे हैं।
Movie Review एक पिता के बेटी को बचाने की कथा है ‘माय नेम इज वेंडेटा’
ये एक रोमांचक थ्रिलर है और दर्शक को बांधे रखता है।
Movie Review’तनाव’ भरपूर मनोरंजन देती है और यही इसकी जीत का कारण है
सबसे अच्छी बात ये है कि फिल्म कोई एजेंडा पेश नहीं करती।
Movie Review कला ‘सबकी’ हो सकती थी लेकिन ‘कुछ’ की ही बनकर रह गई
‘कला’ अपना संपूर्ण अर्थ पाते-पाते रह जाती है।
Movie Review ठरकपन के उथले गड्ढे में जा गिरती है ‘इंडिया लॉकडाउन’
ऐसी ठंडी लिजलिजी फिल्म भला कौन देखना चाहेगा।
Movie Review स्क्रीनप्ले के झोल ने ‘एन एक्शन हीरो’ को कहीं का नहीं छोड़ा
ये एक इंट्रेस्टिंग कहानी थी और बॉक्स ऑफिस पर बहुत संभावनाएं रखती थी।