गुरुओं के भी गुरु हैं ओशो रजनीश!
Neeraj Badhwar । इस साल हिंदुस्तान के सबसे प्रीमियम संस्थान में से एक में जाने का मौका मिला। मित्र उस संस्थान में अधिकारी हैं। वही हमें पूरे कैंपस का दौरा करवा रहे थे। कुछ...
Neeraj Badhwar । इस साल हिंदुस्तान के सबसे प्रीमियम संस्थान में से एक में जाने का मौका मिला। मित्र उस संस्थान में अधिकारी हैं। वही हमें पूरे कैंपस का दौरा करवा रहे थे। कुछ...
सारा कुमारी । मनुष्य को प्राणी वर्ग में सर्वश्रेष्ठ प्राणी का दर्जा दिया गया है, क्यूंकि ईश्वर ने व्यक्ति को सोचने समझने के लिए एक दिमाग़ भी दिया है, जिससे हम सही गलत का...
पिछली तिमाही में ईशा आउटरीच ने 1,20,91,079 विज्ञापन पर खर्च कर दिए।
सुना है मैंने कि अकबर यमुना के दर्शन के लिए आया था। यमुना के तट पर जो आदमी उसे दर्शन कराने ले गया था, वह उस तट का बड़ा पुजारी, पुरोहित था। निश्चित ही,...
एक अद्भुत अनुभव मुझे हुआ, वह मैं कहूं। अब तक उसे कभी कहा नहीं। अचानक ख्याल आ गया तो कहता हूं। कोई बारह साल पहले, तेरह साल पहले, बहुत रातों तक एक वृक्ष के...
एक दूसरे ज्ञान की दिशा है, जिसको ब्रह्मविद्या कहा है। ब्रह्मविद्या का प्रयोग बिलकुल अन्यथा है। विज्ञान का प्रयोग है, चीजों को तोड़कर जानना। ब्रह्मविद्या का प्रयोग है, चीजों को उनकी सभ्यता में, जोड़...
नमो अरिहंताणं। नमो सिद्धाण। नमो आयरियाण। नमो उवज्झायाण। नमो लोए सब्बसाहूणं।एसो पंच नमुक्कारो, सब्बपावप्पणासणो। मंगलाण च सब्बेसिं, पडमं हवइ मंगलं।। अरिहंतों (अर्हतों) को नमस्कार सिद्धों को नमस्कार। आचार्योंको नमस्कार उपाध्यायों को नमस्कार। लोक संसार...
जीवन के किसी भी अनुभव सेकभी भयभीत मत होना।क्योंकि जो भी भयभीत हो जाता है,वह पक नहीं पाता,वह समृद्ध नहीं हो पाता।जीवन के सब रंग भोगो।जीवन के सब ढंग जीओ।जीवन के सारे आयामतुम्हारे परिचित...
दुख आये तो देखो–और जानते रहो कि मैं देखनेवाला हूं, मैं दुख नहीं हूं। और तुम बहुत चौंकोगे। इस छोटे-से प्रयोग को उतारो जीवन में। यह कुंजी है। इससे अमृत के द्वार खुल जाते...
झेन संत बोकोजू ने कहा है, मैं यही एक ध्यान जानता हूं। जब मैं भोजन करता हूं तो भोजन करता हूं। जब मैं चलता हूं तो चलता हूं। और जब मुझे नींद आती है...
दुनिया में दो उपाय हैं बोझ से मुक्त होने के—एक तो यह है कि दायित्व छोड़ दो, भगोड़ा संन्यासी वही करता है। वह दायित्व ही छोड़ देता है; वह कहता है कि न रहेगा...
भगवान बुद्ध के संबंध में कथा है कि वे मोक्ष के द्वार पर पहुंचकर, भीतर प्रवेश नहीं किये। वे करुणावश रुके गये, जब तक कि सारे लोग न आ जाएं। इसी संदर्भ में किसी...
आपके प्रति इतना प्रेम रहते हुए भी आपको सुनते वक्त कभी कभी अकुलाहट और क्रोध क्यों उठने लगता है ?
लाओत्से ने कहा है: एक कदम से हजारों मील की यात्रा पूरी हो जाती है। दो कदम की जरूरत भी किसे है? एक बार में एक ही कदम उठता है। एक-एक कदम उठाते-उठाते हजारो...
हंसो, जी भर कर हंसो। मेरा आश्रम हंसता हुआ होना चाहिए। हंसी यहां धर्म है। यह आनंद-उत्सव है। यहां उदास होकर नहीं बैठना है। यह कोई उदासीन साधुओं की जमात नहीं। उदासीनता को मैं...
प्रश्न : भगवान, मैं अपने को बड़ा ज्ञानी समझता था, पर आपने मेरे ज्ञान के टुकड़े—टुकड़े कर के रख दिए। अब आगे क्या मर्जी है? धर्मेश, जो उसको मंजूर! मेरी क्या मर्जी? यहां मेरी...
मुस्लिम देशों में प्रवेश करना बहुत मुश्किल है – लगभग असंभव है, क्योंकि वे अभी भी असभ्य हैं। सभ्यता कहीं भी नहीं हुई है, लेकिन ऐसे देश हैं जो थोड़ा कम असभ्य हैं और...
निंदा कोई करे, तो हम तत्काल मान लेते हैं। कोई कहे कि फलां व्यक्ति साधु, हम कभी नहीं मानते। हम कहते हैं, पता लगाकर देखेंगे। कोई कहे, फला आदमी चोर, व्यभिचारी, बदमाश, बिलकुल राजी...
जो हम चारों तरफ बोलते रहते हैं, वह धीरे— धीरे हमारा व्यक्तित्व बन जाता है। आपको भी बिना गवाह के पक्का नहीं हो सकता कि आप जो बोल रहे हैं वह सही है या...