अर्चना कुमारी। करोना के नाम पर ठगी करने वालों में तरह तरह के लोग शामिल रहे हैं। दक्षिणी जिला पुलिस ने तो एक ऐसे छात्रा को धर दबोचा, जो रेमडेसिविर इंजेक्शन देेने के नाम पर ठगी कर रही थी। पढाई के साथ साथ आरोपी लड़की इंस्टाग्राम पर भी काफी सक्रिय है और इसकी पहचान वर्तिका राय के तौर पर हुई, जो मूलरुप से मध्यप्रदेश की रहने वाली है। वह इग्नू से मनोविज्ञान विषय में प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपी लड़की ने दिल्ली- एनसीआर में रहने वाले ग्यारह लोगों को अपना शिकार बना उनसे दो लाख से ज्यादा की रकम ऐंठ ली। पुलिस ने इसके कब्जे से दो मोबाइल फोन, चार एटीएम कार्ड, 32,400 रुपए व बैंक की पासबुक जब्त की । दरअसल इस बारे में एक मई को डिफेंस कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।
पीड़ित अंकित कुमार ने पुलिस को बताया उसे अपने रिश्तेदार के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरुरत थी। इस दौरान गूगल पर उसे एक मोबाइल नंबर मिला। उस नंबर पर संपर्क किया, जिसमें फोन पर रेमडेसिवर के पांच इंजेक्शन 32400 रुपए में देने का वादा किया। यह रकम खाते के जरिए दे दी गई लेकिन कोई इंजेक्शन हासिल नहीं हुआ ।
जिसके बाद जांच कार्रवाई करते हुए पुलिस ने शातिर लड़की को गिरफ्तार किया ।आरोपी वर्तिका अभी अठारह साल ग्यारह महीने की है और उसे मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से गिरफ्तार किया गया है। पता चला है कि उसके पिता की मेडिकल शॉप है। उसके एक रिश्तेदार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। तब उसने महसूस किया कि लोगों को जीवन रक्षक दवा की कितनी जरुरत है।
उसने सोशल मीडिया पर अपना नंबर डाल दिया। इसके बाद ठगी शुरू कर दी थी। इसी तरह द्वारका पुलिस ने एक ऐसे ही धोखेबाज को गिरफ्तार किया है, जो ब्लैक फंगस की दवाई के नाम पर लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दे रहा था। आरोपी की पहचान आयुष के रूप में हुई है। आरोपित ब्लैक फंगस के उपचार में काम आने वाले इंजेक्शन लिपसोमल के नाम पर लोगों को ठगता था।
इसके खिलाफ दिल्ली, एनसीआर, यूपी, गुरुग्राम समेत देश भर से शिकायतें मिल रही थी । आयुष ने ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की सप्लाई के लिए सोशल मीडिया पर अपना नंबर डाला था और लोगों से संपर्क करने के लिए कहता था। इंजेक्शन दिलाने के नाम पर वह लोगों से अपने खाते में पैसे मंगाता और फिर उनका नम्बर ब्लॉक कर देता।
आयुष ने देशभर में इंजेक्शन दिलाने के नाम पर तकरीबन 10 लाख रुपए की ठगी की । आयुष बीकॉम पास है और मुम्बई में मैट्रिक्स कंपनी में सुपरवाइजर का काम कर चुका है। बाद में वह यूपी के सीतापुर में रियल एस्टेट का काम करने लगा था, लेकिन कोविड काल में रियल एस्टेट के कारोबार में उसे घाटा हुआ और पुलिस ने उसे यूपी से पकड़ा है