अर्चना कुमारी मोदी सरकार मणिपुर के हालात को सुधार नहीं पाई। यही वजह है कि यहां पर आए दिन हिंसा होती रहती है। मणिपुर की हिंसा मोदी सरकार की सबसे बड़ी नाकामी में एक है।
फिलहाल मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में सुरक्षा बलों के एक शिविर पर उग्रवादियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो जवानों की मौत हो गई और दो अन्य कर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने मोइरांग पुलिस थाना क्षेत्र के नारानसेना में आईआरबीएन (भारतीय आरक्षित वाहिनी) शिविर पर हमला किया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा
उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटियों से शिविर को निशाना बनाकर अंधाधुंध गोलीबारी की। गोलीबारी रात करीब साढे 12 बजे शुरू हुई और देर रात लगभग सवा दो बजे तक जारी रही।
उग्रवादियों ने बम भी फेंके, जिनमें से एक बम सीआरपीएफ की 128 बटालियन की चौकी में फटा।’’ उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान सीआरपीएफ के उप-निरीक्षक एन. सरकार और हेड कांस्टेबल अरूप सैनी के रूप में हुई है।
सरकार कोकराझार जिले और सैनी बांकुरा जिले के मूल निवासी थे। उन्होंने बताया कि हमले में निरीक्षक जादव दास और कांस्टेबल आफताब दास र्छे लगने से घायल हो गए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘दोनों घायल जवानों को इंफाल स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है। वे खतरे से बाहर हैं।’’
सीआरपीएफ जवानों को आईआरबीएन शिविर की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। पुलिस ने कहा कि हमले में शामिल लोगों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाश जारी है।
मुख्यमंत्री ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा, ‘‘इस तरह की करतूत उन समर्पित सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ कायरता को दर्शाती हैं जो राज्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दिन-रात अथक परिश्रम करते हैं। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।’’