अर्चना कुमारी। कन्हैया लाल हत्याकांड याद होगा। कैसे मुस्लिम आरोपियों ने उसका गला इस वजह से काट दिया था क्योंकि उसने नूपुर शर्मा का समर्थन किया था। नूपुर शर्मा भाजपा की प्रवक्ता थी ,जिस पर टीवी डिबेट में नबी से गुस्ताखी के आरोप लगाया गया जबकि वह अपने देवी देवता पर की गई टिप्पणी से आहत थी बाद में नूपुर शर्मा को पार्टी से निकाल दिया गया ।
इस बीच एक विशेष एनआईए अदालत ने शुक्रवार को उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड में विचाराधीन नौ आरोपियों में से एक को जमानत दे दी। बताया जाता है अदालत ने फरहाद मोहम्मद को जमानत दे दी, जिन्हें पिछले साल जुलाई में उदयपुर में उनके घर से तलवार बरामद होने के बाद शस्त्र अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था।
उनके वकील अखिल चौधरी ने कहा कि तलवार कुंद थी और मोहम्मद ने कोई अपराध नहीं किया। अपने मुक्किल के बचाव के दौरान उन्होंने तर्क दिया कि मोहम्मद और उनका परिवार ‘मीनाकारी’ में शामिल थे – जो धातुओं और सिरेमिक टाइलों की सतहों को रंगने और रंगने की एक प्रक्रिया है। वकील ने प्रस्तुत किया कि मोहम्मद और उसका परिवार ऐसे उत्पादों को पेंट और सजाते हैं और उन्हें स्थानीय बाजारों में बेचते हैं और मोहम्मद पर यूएपीए या आपराधिक साजिश के तहत आरोप नहीं लगाया गया था।
चौधरी ने कहा, “इन आधारों पर अदालत ने फरहाद मोहम्मद को जमानत दे दी।ज्ञात हो उदयपुर में एक दर्जी कन्हैया लाल की पिछले साल 28 जून को दो चाकूधारी मुस्लिमों लोगों ने हत्या कर दी थी, जिन्होंने कथित तौर पर निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में सामग्री पोस्ट करने के बाद उन पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया था।इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने की थी