अर्चना कुमारी। मोबाइल संस्कृति ने बच्चो को बिगाड़ दिया है ,यही वजह है की अजीबोगरीब घटना में 5 साल की बच्ची के साथ सात साल के बच्चे ने रेप किया । पुलिस ने मुकदमा दर्ज आरोपी बच्चे को पकड़ लिया है और उसका काउंसलिंग किया गया है। लेकिन इतने छोटे बच्चे का सजा प्रावधान नहीं है, इस बीच पीड़ित और आरोपी का मेडिकल कराया गया ।
मेडिकल करने वाले डॉक्टर का दावा है कि बच्ची के साथ रेप की पुष्टि हुई है। इस घटना में कानपुर देहात के अकबरपुर में एक गांव में रहने वाली पांच वर्षीय मासूम बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। उसके साथ पड़ोस में रहने वाला सात साल का बच्चा भी खेल रहा था। इसी दौरान आरोपी बच्ची को सुनसान जगह पर लेकर चला गया।
जहां पर मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। उसके बाद बच्ची खून से लथपथ हालत में घर पहुंची। बच्ची ने रोते हुए मां को बताया कि पड़ोस में रहने वाले भैया ने गंदा काम किया है। इसके बाद गांव में विवाद की स्थिति बन गई। पीड़ित परिवार बच्ची को लेकर थाने पहुंचा और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी बच्चा और पीड़िता को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा दिया। पता चला है पीड़ित और आरोपी पक्ष एक ही बिरादरी के हैं।
इसके चलते पहले तो दोनों में समझौता को लेकर पंचायत चलती रही। लड़की के माता-पिता ने आरोपी के घर जाकर पूरी घटना बताने के साथ उसे डांट लगाई। लड़के की मां नाराज होकर पीड़िता की मां से लड़ने लगी। इससे बात और बढ़ गई और मामला थाना पहुंचा।पीड़िता की मां ने बताया कि आरोपी बच्चा भी छोटा है, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं चाहती थी, लेकिन बच्चे के माता-पिता ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया। बच्चे को डांटने-समझाने के बजाय उल्टा मुझसे ही उलझने लगे।
पीड़ित बच्ची के पिता की तहरीर पर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई। जांच में पुलिस को पता चला है, आरोपी बच्चा हर समय मोबाइल देखता रहता था और ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी बच्चा अपने से बड़ी उम्र के लड़कों के साथ ज्यादा रहता है। साथ ही हर समय मोबाइल देखता रहता है। आशंका है मोबाइल पर वह गंदे वीडियो भी देखता था।
इसी वजह से शायद इस तरह की घटना को अंजाम दिया है। बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है। उसका उपचार किया जा रहा, पुलिसकर्मियों ने कहा कि इतनी कम उम्र के रेप के आरोपी और पीड़िता का मामला पहली बार सामने आया है।
मेडिकल करने वाले डॉक्टर भी कह रहे थे वह अपनी नौकरी में ऐसा पहला मेडिकल कर रहे हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़ित बच्ची और आरोपी बालक को डॉक्टरी परीक्षण के लिए अस्पताल भेजा गया है। सात साल से कम उम्र का बच्चा अगर कोई अपराध करता है, तो वह अपराध की श्रेणी में नहीं आता है। विधिक राय लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।