अर्चना कुमारी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संसद सुरक्षा चूक के सभी आरोपियों के साइको एनालिसिस टेस्ट करवाए है। इस बीच दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को निचली अदालत के उस फैसले पर रोक लगा दी। जिसमें पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह संसद की सुरक्षा में चूक के मामले के एक आरोपी को प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराए।
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांत शर्मा ने निचली अदालत के 21 दिसंबर के आदेश को चुनौती देने वाली पुलिस की याचिका पर आरोपी नीलम देवी को नोटिस जारी किया। निचली अदालत ने जांच एजेंसी को कानून के अनुसार आरोपी के वकील को प्राथमिकी की एक प्रति प्रदान करने का निर्देश दिया था।उच्च न्यायालय ने कहा, निचली अदालत के 21 दिसंबर के आदेश के क्रियान्वयन पर सुनवाई की अगली तारीख तक रोक लगाई जाती है।
सुनवाई की अगली तारीख के लिए आरोपी को नोटिस जारी किया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई चार जनवरी, 2024 को होगी। पुलिस के वकील ने तर्क दिया कि संवेदनशील मामलों में, आरोपी को आयुक्त से संपर्क करना होगा जो प्राथमिकी की प्रति प्रदान करने के आवेदन पर निर्णय लेने के लिए एक समिति का गठन करेंगे और यदि इसे अस्वीकार कर दिया जाता है, तो वे राहत के लिए अदालत का रुख कर सकते हैं।
ज्ञात हो दिल्ली पुलिस ने कहा कि निचली अदालत ने पुलिस को आरोपी को प्राथमिकी की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश देकर गलती की है। निचली अदालत ने बृहस्पतिवार को संसद सुरक्षा का उल्लंघन करने के मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे और नीलम देवी की हिरासत पांच जनवरी तक बढ़ा दी थी।
नीलम के आवेदन पर निचली अदालत ने जांच अधिकारी को प्राथमिकी की एक प्रति उसके वकील को सौंपने का निर्देश दिया था। इस बीच दिल्ली की एक अदालत ने संसद सुरक्षा चूक मामले में एक आरोपी की हिरासत पांच जनवरी तक के लिए बढ़ा दी। विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर ने दिल्ली पुलिस की अर्जी पर आरोपीललित झा की हिरासत अवधि बढ़ा दी।
पुलिस ने अदालत को बताया कि झा पूरी घटना का मुख्यसाजिशकर्ता है और पूरी साजिश का पता लगाने के लिए उससे पूछताछ की जरूरत है। दिल्ली की एक अदालत ने संसद की सुरक्षा में सेंध मामलेमें गिरफ्तार चार आरोपियों मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे और नीलम देवी की पुलिस हिरासत की अवधि बृहस्पतिवार को पांच जनवरी तक बढ़ा दी थी।