अर्चना कुमारी। दिल्ली विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना होने लगी। आरोप लगाया कि प्रोफेसर रतन लाल ने जानबूझकर शिवलिंग का मजाक उड़ाया। इसके बाद एक सामाजिक कार्यकर्ता ने उत्तरी जिला के साइबर थाने में प्रोफेसर के खिलाफ धार्मिक विश्वास का अपमान और धार्मिक भावाओं को आहत करने का आरोप मामला दर्ज करवा दिया।
फिलहाल पुलिस ने आईपीसी की धारा 295ए और 153ए का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है और अब रतनलाल को नोटिस देकर पूछताछ के लिए पुलिस के समक्ष उपस्थित होना पड़ेगा। जब मामला दर्ज हुआ तब प्रोफेसर के होश ठिकाने हो गए। प्रोफ़ेसर का कहना था कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं था।
सोशल मीडिया पर धमकियां मिलने के बाद रतन लाल ने अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग करने के अलावा प्रधान मंत्री को पत्र लिखकर एके-56 राइफल का लाइसेंस मांगा है। उन्होंने अंगरक्षक दिलाने की मांग की है । इस बीच उत्तर-पश्चिम जिले के साइबर सेल में एक वकील विनीत जिंदल ने भी प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ इसी तरह की शिकायत दी है। उत्तरी दिल्ली में दर्ज मामले को लेकर शिकायतकर्ता शिवल भल्ला (38) परिवार के साथ ओल्ड गुप्ता कालोनी, मॉडल टाउन में रहते हैं। उनका कहना है कि वह सामाजिक कार्यकर्ता है।
भल्ला ने बताया कि मंगलवार को वह किसी काम से नॉर्थ कैंपस आए थे। यहां आकर उनको पता चला कि हिंदू कॉलेज में इतिहास के प्रोफेसर रतन लाल ने फेसबुक पर वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग के बारे में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इसके बाद उन्होंने रतन लाल की पोस्ट को देखा। पोस्ट में शिवलिंग की फोटो भी, उसके आगे लिखा था कि ‘ यदि यह शिवलिंग है तो लगता है कि शायद शिवजी का भी खतना कर दिया गया । हिंदू धर्म की भावना को आहत करने वाला पोस्ट पढ़कर उनको बहुत गुस्सा आया।
उनका मानना है कि इसको पढ़ने के बाद उनकी और देश के करोड़ों लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई। इसकी वजह से उनको मानसिक ठेस भी पहुंची। उन्होंने बताया कि रतन लाल के पोस्ट से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। भल्ला ने अपनी शिकायत में रतन लाल के अकाउंट की डिटेल भी शेयर की है। पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद रतन लाल के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।
जब प्राथमिकी दर्ज हुई तब इस मामले पर रतन लाल ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंदिर में शिवलिंग है या कुछ और इसके बारे में मौलवी, पंडित या इतिहासकार ही टिप्पणी कर सकते हैं। परिसर से बरामद शिवलिंग ऊपर से कटा हुआ प्रतीत होता है। ऐसा लगता है कि जब इसका निर्माण कराया गया तो शायद मुस्लिम शासकों ने शिवलिंग को ऊपर से काट दिया।
इसे देखकर ऐसा ही लगता है कि जैसे उसकी खतना कर दिया गया हो। रतन लाल ने बताया कि पोस्ट के बाद से लगातार धमकियां मिल रही है। रतन लाल ने अपने व परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर रतन लाल ने अपनी सुरक्षा के लिए एके-56 का लाइसेंस देने की मांग की ।