अर्चना कुमारी। डिजिटल धोखाधड़ी पर रोक लगाने के मकसद से संदिग्ध लेन-देन में शामिल 70 लाख मोबाइल नंबर निलंबित कर दिए गए हैं। वित्तीय साइबर सुरक्षा और बढते डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी से संबंधित मुद्दों पर एक बैठक के बाद वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने कहा कि सरकार ने बैंकों को इस संबंध में व्यवस्था और प्रक्रियाओं को मजबूत करने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसी और बैठकें होंगी। अब अगली बैठक जनवरी में होगी। वित्तीय सेवा सचिव ने आधार सक्षम भुगतान पण्राली (एईपीएस) धोखाधड़ी के संबंध में कहा कि राज्यों को इस मुद्दे पर गौर करने और आंकड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में व्यापारियों के केवाईसी मानकीकरण के संबंध में भी चर्चा हुई।
वित्तीय सेवा सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय कैसे सुनिश्चित किया जाए। भोले-भाले ग्राहकों को ठगे जाने से बचाने के लिए समाज में साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता पैदा करने की जरूरत है।
बैठक के दौरान, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) में रिपोर्ट किए गए डिजिटल भुगतान धोखाधड़ी के नवीनतम आंकड़ों पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें ऐसे मामलों से निपटने में आने वाली चुनौतियां और मुद्दे शामिल थे। बैठक में आर्थिक मामलों के विभाग, राजस्व विभाग, दूरसंचार विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।