अर्चना कुमारी महिलाएं सड़क पर इंसाफ मांग रही क्योंकि ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कॉन्ग्रेस अपने ही नेता को पकड़ने में अक्षम साबित हो गई है। ममता और उसके मुस्लिम फरार नेता को कोर्ट की फटकार का भी डर नहीं है। इस बीच कहा जा रहा सरकार ने पहले पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से उठी आवाजों को दबाने की कोशिश की। लेकिन अब बीजेपी के लगातार धरना आंदोलन संघर्ष से पीड़ितों को हौसला मिला है।
यही वजह है कि अब टीएमसी नेता के खिलाफ शिकायत करने के लिए स्थानीय लोग उमड़ पड़े हैं। करीब 6 दिन में 700 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई गई है।सूत्र बताते है सबसे अधिक शिकायतें जमीन कब्जे की हैं। जबकि टीएमसी नेता शाहजहाँ, उत्तम सरकार और शिबू हाजरा के खिलाफ यौन शोषण और जमीन कब्जाने के आरोप लगातार मिल रहे है।
मामला उजागर होने के बाद ममता सरकार अब बैकफुट पर है। उसने डैमेज कंट्रोल के लिए संदेशखाली में एक अफसर की तैनाती करके सभी शिकायतों को सुनने का निर्णय लिया है।
इसके लिए सरकार ने खंड विकास अधिकारी की तैनाती की है। यहाँ संदेशखाली के पीड़ित अपनी जमीन कब्जाए जाने, रंगदारी लिए जाने और मजदूरी ना मिलने जैसी समस्याओं को लेकर आ रहे हैं। पिछले 6 दिनों में 700 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। इनमें से 150 शिकायतें जमीन कब्जे और 70 रंगदारी वसूलने से संबधित हैं।बताया गया है कि ममता सरकार अपनी छवि बचाने के लिए संदेशखाली में कब्जाई गई जमीन को लोगों को लौटाने पर भी विचार कर रही है।
लेकिन, यह काम काफी कठिन होगा, क्योंकि जमीन कब्जाने वालों ने इन जमीनों को गैर उपजाऊ बना दिया है। ऐसे में ग्रामीण इसको लेकर चिंतित हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी जमीन कब्जाई गई और जिनसे पट्टे का वादा किया गया उन्हें कोई भुगतान टीएमसी नेताओं की तरफ से नहीं किया गया। पीड़ितों का कहना है कि वह अपनी जमीन पर पहले खेती करते थे। जब इसे शाहजहाँ और उसके गुडों ने छीना तो इनका उपयोग मछलीपालन में किया गया। इसके लिए उनकी खेती की जमीन में खारा पानी भरा।
इससे जमीन की प्रकृति बदल गई है और वह खेती करने लायक नहीं रह गई। जमीन को उपजाऊ बनाने में कम से कम तीन साल का वक्त लगेगा।कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि टीएमसी नेताओं ने उनसे काम करवाया, लेकिन कोई भी पैसा नहीं दिया। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें मारने की धमकी दी गई। ऐसे भी कई लोग हैं जो यहाँ पेशन जैसी समस्याओं को लेकर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि हाल ही में हुए विरोध-प्रदर्शनों से उनकी हिम्मत बढ़ी हुई है।बताते है
जमीन कब्जाने के अलावा यौन शोषण के आरोपों को लेकर भी अब महिलाएँ सामने आ रही हैं। बंगाल पुलिस ने शिबू हाजरा और उत्तम सरकार को गिरफ्तार कर लिया है। हालाँकि, शेख शाहजहाँ अभी भी फरार है। ज्ञात हो संदेशखाली उत्तरी 24 परगना के सुंदरबन डेल्टा में टापू पर बसा हुआ है यहाँ 5 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम पहुँची थी।
यह टीम बंगाल में हुए राशन घोटाला मामले में स्थानीय तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता और पंचायत सदस्य शाहजहाँ शेख से पूछताछ करने आई थी। इस दौरान टीम पर हमला हो गया और कई अधिकारी एवं जवान घायल हुए थे। इसके बाद शाहजहाँ शेख फरार हो गया और उसके घर पर ताला लटक रहा है।
महिलाओं ने कहा कि शाहजहाँ और उसके गुर्गों को जो भी महिला पसंद आती है, उसे वे घर से उठा ले आते हैं। जितने दिन मन होता है, उसे अपने पास रखते हैं और फिर ‘मन भर जाने’ पर महिला को वापस कर देते हैं। यदि कोई महिला इसका विरोध करती तो उसके घरवालों को प्रताड़ित किया जाता और हत्या तक की धमकी दी जाती थी।
गौरतलब है कि पीडीएस घोटाले के आऱोपी शेख शाहजहां ने संदेशखाली में अत्याचार की सभी सीमाओं को लांघ दिया था। आरोप है कि वहां उसने कई हिन्दू महिलाओं के साथ बर्बरता की। शेख शाहजहां और उसके गुर्गे शिव प्रसाद हाजरा और उत्तम सरदार ने कई हिन्दू महिलाओं के साथ गैंगरेप किया।