अर्चना कुमारी। खालिस्तानी आतंकवादियों और गैंगस्टर को सोशल मीडिया के जरिए हथियारों की सप्लाई की जाती थी और ऐसे ही दो लोगों को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान राजेन्द्र सिंह बरनाला (22) और बबलू सिंह (30) के तौर पर हुई है, जो मूलरूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं। इनके पास से 18 सेमी ऑटोमैटिक पिस्टल और 60 कारतूस बरामद किया गया ।
पुलिस का दावा है कि दोनों आरोपियों से पूछताछ के साथ ही उनके मोबाइल को खंगालने पर पुलिस को पता चला कि यह गैंग खास तौर से खालिस्तानी और दिल्ली, पंजाब, राजस्थान व झारखंड के कुख्यात गैंगस्टरों को हथियारों की सप्लाई कर रहा था। फिलहाल पुलिस इनके नेटवर्क को खंगालने में जुटी हुई है । पुलिस का कहना है कि स्पेशल सेल टीम पिछले एक साल से खालिस्तानी समर्थकों पर खास नजर बना के रखी हुई थी। इस दौरान कई समर्थकों को पुलिस ने हथियारों के साथ गिरफ्तार किया था।
इसी बीच पुलिस को पता चला कि सोशल मीडिया पर खालिस्तानी समर्थकों से हथियारों की डील की जा रही है और मध्य प्रदेश से खालिस्तानी समर्थकों तक हथियारों की खेप पहुंचाई जा रही है। सोशल मीडिया पर हथियारों की डील का पता चलने के बाद पुलिस ने तकनीकों की सहायता से सोशल मीडिया की निगरानी शुरू की। एक माह की कोशिश के बाद पुलिस को फेसबुक पर एक संदिग्ध पेज का पता चला।
पेज लॉक होने की वजह से पुलिस को उसके अंदर प्रवेश करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन पुलिस को कामयाबी मिल गई। पता चला कि पेज के सदस्यों के बीच हथियारों की डील की जा रही है। पेज पर हथियारों के फोटो और वीडियो डाले गए थे। पेज पर हथियार तस्कर वर्चुअल नंबर और फर्जी अकांउट का इस्तेमाल कर रहे थे।
पुलिस ने टेक्नीकल सर्विलांस की मदद ली और 25 अगस्त की शाम रोहिणी में कराला-बरवाला रोड पर ट्रैप लगाकर दोनों आरोपियों को दबोच लिया। उनके बैग की तलाशी में पुलिस को बड़ी संख्या में हथियार और कारतूस मिले। पूछताछ में आरोपी राजेन्द्र सिंह ने बताया कि वह अपने भाई नरेन्द्र सिंह के साथ पिछले कई सालों से हथियारों की सप्लाई कर रहा है। वह कई खालिस्तानी समर्थकों व गैंगस्टरों के सम्पर्क में रहता है और सोशल मीडिया के जरिए सम्पर्क करता है। वे उन्हें डिमांड पर हथियारों की सप्लाई करता है।
उसे लारेंस बिश्नोई गैंग ने हथियारों की तस्करी के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल का तरीका बताया था। जिसके बाद उसके हथियार तस्करी का धंधा खूब चलने लगा। आरोपी राजेन्द्र सिंह के पिता गांव में हथियार बनाते थे। जिसके बाद वह और उसका भाई भी यह धंधा करने लगे। उसके फेसबुक पेज में कई खालिस्तानी समर्थक व गैंगस्टर जुड़े हुए हैं। जिसकी जांच की जा रही है।पता चला कि खालिस्तान 2020 नाम से एक फेसबुक पेज बना हुआ है, जिसमें प्राइवेट मेंबर जुड़े हुए हैं। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह हथियारों की तस्करी में कब से जुड़े थे। अब तक, वह किन आतंकियों और गैंगस्टर को हथियार दे चुके हैं।