अर्चना कुमारी। एनसीईआरटी की नकली किताब धड़ल्ले से बिकती है और लोग इसे खरीदते हैं। सरकारी एजेंसियों के संरक्षण में इस तरह का कारोबार किया जाता है और कई लोग मिलीभगत करके लाखों कमा रहे हैं । फिलहाल किताबों को प्रिंट कर बेचने वाले एक बड़े रैकेट का दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने खुलासा करते हुए एक आरोपी को धर दबोचा ।
पुलिस का कहना है कि नंद नगरी इलाके में रेड मारकर बड़ी संख्या में नकली एनसीईआरटी की किताबें व अन्य प्रिंटिंग मैटेरियल बरामद किया है, जिनकी कीमत 35 लाख रुपए से भी ज्यादा बताई जा रही है। पुलिस टीम ने साथ ही इस पूरे रैकेट के मास्टरमाइंट को भी गिरफ्तार किया है, जिसकी पहचान अभिषेक सचदेवा के तौर पर की है, जो शाहदरा इलाके का रहने वाला है।
पूछताछ में पता चला है कि आरोपी ने कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई की है, उसके पिता पहले एनसीईआरटी की किताबों को बेचने का कारोबार करते थे। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर एनसीईआरटी की करीब 5 हजार किताबें, दो ऑफसेट प्रिटिंग मशीन, करीब 80 हजार प्रिटिंग पेपर शीट समेत अन्य चीजें बरामद की।
दरअसल क्राइम ब्रांच इससे पहले 18 सितंबर को मंडोली के मेला राम फार्म इलाके में स्थित गोदाम नंबर-4 में एक गुप्त सूचना के आधार पर रेड मारकर भारी मात्रा नकली किताब व प्रिंटिंग मैटेरियल जब्त किया था। उस समय प्रिंटिंग प्रेस मालिक मनोज जैन नामक आरोपी को पकड़ा गया था और उसी से हुई पूछताछ के बाद इस आरोपी को पकड़ा गया है।
मामले में पुलिस ने कॉपी राइट एक्ट के तहत केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू की थी। पुलिस को पता चला कि अभिषेक सचदेवा नामक युवक ने एनसीईआरटी की नकली किताबों की प्रिंटिंग के लिए ऑर्डर दिया था। लेकिन गोदाम में रेड पड़ने के बाद से ही गिरफ्तारी के डर वह फरार है। इस जानकारी के बाद से ही पुलिस अभिषेक सचदेवा नामक आरोपी के पीछे पड़ी हुई थी और आखिरकार पुलिस टीम आरोपी को ट्रेस कर दबोच लिया।
पूछताछ में पता चला कि आरोपी के पिता एनसीईआरटी के किताबों का कारोबार करते थे। लेकिन पिछले साल उनकी मौत हो गई थी। जिसके बाद आरोपी एनसीईआरटी के नकली किताबों का कारोबार करने लगा था।नकली किताबों को ऑनलाइन बेचने चाहता था । ये नकली किताबें स्कूल की छठी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा की हैं।