अर्चना कुमारी । उदयपुर से पहले अमरावती में केमिस्ट उमेश की हत्या की गई थी । हत्या करने की वजह भी एक जैसी थी और दोनों ही मामले में मरने वालों ने बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया में पोस्ट किया गया था। अमरावती मर्डर मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इस मामले का मास्टर माइंड इरफान है।
उदयपुर की तरह अमरावती मामले में भी पाकिस्तान कनेक्शन सामने आया है क्योंकि मास्टरमाइंड इरफान को पाकिस्तान से उमेश की सर कलम करने का आदेश दिया गया था। सूत्र बताते हैं कि इरफान के एनजीओ को पाकिस्तान से खासी मदद मिलती थी । जांच एजेंसियों ने आशंका जताई है कि अमरावती और उदयपुर के बाद देश के और भी कई इलाकों में नूपुर शर्मा का समर्थन करने वालों को मौत के घाट उतारने का प्लान इस्लामी आतंकवादियों ने तैयार किया है और इस काम में पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई मदद कर रहा है।
महाराष्ट्र के अमरावती में उसी प्रकार हुई दवा व्यवसायी उमेश कोल्हे की हत्या ठीक उसी प्रकार से की गई जैसे उदयपुर में कन्हैयालाल टेलर की हत्या की गई थी। दोनों मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है और जांच एजेंसी का कहना है कि हत्या में शामिल आरोपी अपने आकाओं के निर्देश पर इस तरह की वारदात को अंजाम दे रहे ।
21 जून को केमिस्ट उमेश की हुई इस हत्या के सिलसिले में मास्टरमाइंड शेख इरफान शेख रहीम सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इरफान सातवां आरोपी है, जिसे गिरफ्तार किया गया है। वह फरार होने की फिराक में था, तभी पुलिस ने दबोच लिया। इरफान एनजीओ चलाता है। उमेश के भाई महेश कोल्हे ने जांच एजेंसियों को बताया है कि हत्याकांड में शामिल यूसुफ खान अमरावती में डॉक्टर है और उमेश से उसकी अच्छी दोस्ती थी। यूसुफ उसके भाई के दुकान पर आकर दवाएं खरीदता था।
वह कई बार उमेश के घर भी आया। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद यूसुफ ने बचने की कोशिश भी की। वह उमेश के अंतिम संस्कार में शामिल हुआ ताकि किसी को पता न चले और शक न हो। जबकि उमेश ने उसकी बहन के निकाह में लाखों रुपए देकर मदद की थी । पुलिस के मुताबिक, यूसुफ डॉक्टरों और मेडिकल वालों के उस व्हाट्सऐप ग्रुप में था, जिसमें उमेश ने नूपुर शर्मा के समर्थन वाला पोस्ट फारवर्ड किया था। यहां से उमेश की पोस्ट को यूसुफ ने शेख इरफान तक पहुंचाया।
इसके बाद इरफान ने हत्याकांड की साजिश रची। उमेश की हत्या के 2 दिन बाद 23 जून को दो आरोपी मुदस्सिर अहमद एवं शाहरुख पठान को गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों से पूछताछ के दौरान चार और लोगों के नाम सामने आए। इनमें से तीन अब्दुल तौफीक, शोएब खान एवं आतिब रशीद को भी 25 जून को गिरफ्तार कर लिया गया ।
हत्याकांड के मास्टरमाइंड माने जा रहे इरफान एवं वेटरेनरी डाक्टर यूसुफ खान को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। नागपुर से गिरफ्तार इरफान ने ही दो लोगों को उमेश पर नजर रखने को कहा था। उसने हत्याकांड को अंजाम देने के लिए हत्यारों को 10 हजार रुपये एवं एक कार का इंतजाम भी किया था।
इस मामले में स्थानीय पुलिस ने आईपीसी की दो और धाराएं 120बी एवं 109 जोड़ दी हैं। पुलिस ने बताया कि यह हत्याकांड भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा के एक विवादित बयान का समर्थन करने के कारण अंजाम दिया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस बात की भी जांच करेगी कि कहीं अमरावती और उदयपुर की घटनाओं में कोई संबंध तो नहीं है?
यह हत्या नुपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण हुई है। अमरावती के एक वेटेरनरी डाक्टर यूसुफ खान ने नुपुर शर्मा के समर्थन में उमेश कोल्हे द्वारा कुछ वाट्सएप समूहों में भेजे गए संदेशों को मुस्लिम समुदाय में प्रसारित किया। उसने कहा कि देखो यह व्यक्ति हमारे धर्म के खिलाफ बोलने वाली का समर्थन कर रहा है और आप लोग उसकी दुकान से दवा खरीदते हैं। यूसुफ खान के इन संदेशों से उत्तेजित होकर घटना के मास्टरमाइंड इरफान खान ने हत्या की साजिश रच डाली और वारदात को अंजाम दिलवाया था।