अर्चना कुमारी । राजधानी की आबकारी नीति को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच की अनुशंसा पर दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा है ।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल की दाढ़ी में तिनका है इसलिए वह जांच से बचने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के दिल्ली स्थित उत्तर पूर्वी जिले के सांसद मनोज तिवारी इस मुद्दे पर बेबाक राय रखते हैं और उन्होंने कई टीवी चैनलों पर जाकर भी केजरीवाल सरकार को घेरने का प्रयास किया।
भाजपा के कपिल मिश्रा ने उनके एक टीवी चैनल डिबेट के क्लिप को लेकर ट्वीट भी किया और कहा वाह मनोज तिवारी एमपी भैया, क्या धोया है।इस पूरे मामले पर दिल्ली बीजेपी के नेता और सांसद मनोज तिवारी ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा लिए गए निर्णय का स्वागत किया है। उनका साफ कहना था कि सीबीआई जांच से निसंदेह कई सवालों के जवाब दिल्ली की जनता को मिलेंगे कि आखिर क्या बेचैनी थी मंदिर ,मस्जिद, गुरुद्वारे और स्कूलों के पास शराब की दुकान खोल दी गई।
कहीं शराब नीति के पीछे एक बड़ा घोटाला तो नहीं और घोटाले से हुई आमदनी से कहीं पंजाब का चुनाव तो नहीं लड़ा गया से कई सवालों के जवाब सीबीआई जांच के बाद साफ हो जाएंगे। मनोज तिवारी ने कहा कि सांच को आंच नहीं, यदि बिना विभाग के मुख्यमंत्री केजरीवाल सही हैं तो फिर जांच से क्यों घबरा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी सीबीआई की जांच शुरू भी नहीं हुई लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उतावलापन सामने आ गया है। इसके चलते वह आरोप लगा रहे है कि बीजेपी मनीष सिसोदिया को जेल में डालना चाहती है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह सपना आया या फिर सोची समझी साजिश के तहत उन्होंने ये सब कहा है जिस तरह कुमार विश्वास, कपिल मिश्रा सहित उनके कई पुराने साथियों को उन्होंने अपने रास्ते से हटाने के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया, कहीं अगला नंबर केजरीवाल की लिस्ट में मनीष सिसोदिया का तो नहीं।
भाजपा सांसद का कहना है कि केजरीवाल महात्मा गांधी के चित्र के नीचे बैठकर लोकपाल का झूठ बोलने का पाप पहले ही कर चुके हैं और अरविंद केजरीवाल की बेचैनी में चोर की दाढ़ी में तिनका कहावत चरितार्थ होती है। उन्होंने अपील किया कि फिलहाल, जांच होने दीजिए दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। गौरतलब है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इसके लिए चीफ सेक्रेटरी की उस रिपोर्ट को आधार बनाया है, जो 8 जुलाई को भेजी गई थी ।
रिपोर्ट में नई आबकारी नीति को लेकर घोटाले का जिक्र किया गया है और इसी वजह से इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई है। उपराज्यपाल ने जिस रिपोर्ट को आधार बनाया है, उसमें कहा गया है कि दिल्ली एक्साइज एक्ट और दिल्ली एक्साइज रूल्स का उल्लंघन किया गया। इसके अलावा शराब विक्रेताओं की लाइसेंस फीस भी माफ की गई, जिससे सरकार को 144 करोड़ रुपये के रेवेन्यू का नुकसान हुआ।
रिपोर्ट में आबकारी मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने वैधानिक प्रावधानों और आबकारी नीति का उल्लंघन किया। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि एक्साइज पालिसी लागू करते हुए कई प्रक्रियाओं का भी पूरी तरह से पालन नहीं किया गया।