अर्चना कुमारी । संदिग्ध चीनी महिला भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ गई है और उससे पूछताछ चल रही है। आशंका व्यक्त की गई थी कि दलाई लामा को इससे जान का खतरा हो सकता है और जासूसी के शक में उसे धर दबोचा गया।
पुलिस सूत्रों का दावा है कि बोधगया के कालचक्र मैदान के पास से गुरुवार की शाम को विदेशी महिला को हिरासत में लिया गया। पुलिस चीनी महिला मिस सोंग शियाओलन को हिरासत में ले ,इसकी सूचना खुफिया ब्यूरो की दी, जिसके बाद से लगातार उनसे पूछताछ चल रही है ।
पुलिस का कहना है कि महिला बौद्ध भिक्षु के वेष में थी और बताया जा रहा है कि वह साल 2020 से ही बोधगया में है जबकि बीच में वह नेपाल भी गई थी। वह चीन में वॉलियंटर के रूप में काम करती थी और आशंका है कि वह चीनी सरकार के लिए काम करती रही है । पूछताछ में पता चला है कि संदिग्ध चीनी महिला 19 अक्टूबर 2019 में पहली बार भारत आई थी और इसी दौरान वह दलाई लामा की शिक्षा ग्रहण करने के लिए बोधगया आ गई।
पता चला कि जनवरी 2020 में वह नेपाल गई लेकिन अभी तक के पूछताछ में यह स्पष्ट नहीं है कि वह जासूसी करने आई थी या नहीं, इस बारे में अभी जांच चल रही है। गौरतलब है कि सुरक्षा एजेंसियों ने आशंका व्यक्त किया था कि बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा के गया के बोधगया में प्रवास के दौरान एक चीनी जासूस महिला वहां मौजूद है और जानकारी के बाद उसका स्केच जारी किया गया था।
इसके बाद आनन-फानन में सुरक्षा टीमों ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी ,जिसके बाद उसे हिरासत में लिया गया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सांग जियालोन अपने तय समय से ज्यादा टाइम तक वह भारत में रुकी हुई है और पता चला वह बोधगया के एक गेस्टहाउस में पिछले कुछ दिनों से रुकी हुई रही है है ,जबकि वीजा की शर्तों के मुताबिक उसको सिर्फ 90 दिनों तक ही भारत में रहने की अनुमति थी।
बोधगया पुलिस ने कहा है कि सांग जियालोन अपने तय समय से ज्यादा टाइम तक वह भारत में रुकी हुई थी। इस तरह चीनी संदिग्ध महिला उसने इस नियम का उल्लंघन किया। सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ में उसने बताया कि वह ई-टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी जबकि कोरोना के बाद वापस नहीं लौट सकी, भारत में सेंट्रल तिब्बत सावा एसोसिएशन मैक्लिाडगंज हिमाचल प्रदेश में ही रह गई और बताया जाता है कि 22 दिसंबर 2022 को वह दलाई लामा की शिक्षा ग्रहण करने वह फिर से बोधगया आ गई।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि नियम के मुताबिक उसको एफआरआरओ कोलकाता द्वारा लीव इंडिया नोटिस जारी किया गया और उसके वीजा को कैंसिल कर दिया गया है और जांच एजेंसियों का कहना है कि नियम के मुताबिक संदिग्ध महिला को अब FRRO दिल्ली के पास डिपोर्ट करने के लिए भेजा गया।
इस घटना को लेकर गया के सिटी एसपी अशोक प्रसाद ने कहा कि महिला के पास से 2024 तक का वीजा है और उनके अनुसार प्रथम दृष्टया में किसी जासूसी की बात अभी तक सामने नहीं आई । इस बारे में पूछे जाने पर दलाई लामा ने कहा है कि मुझमें क्रोध भड़काने वालों के प्रति मेरे मन में कोई दुर्भावना नहीं है। दलाई लामा करीब एक महीने के बोधगया प्रवास पर हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर तिब्बत मंदिर से लेकर महाबोधि मंदिर तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।