अर्चना कुमारी। तमिलनाडु चीफ मिनिस्टर के बेटे ने सनातन पर हमला बोलकर हिंदुओं को अपने निशाने पर लिया था, जिसका असर अब हिंदू तीज त्याहारो पर भी दिखने लगा है, प्रमुख त्योहार गणेश चतुर्थी में अब केवल कुछ दिन ही शेष हैं और राज्य सरकार भगवान गणेश की मूर्ति बनाने वालों कई ईकाई को सील कर दिया है।
दावा किया गया कि तमिलनाडु के करूर के सुंगागेट क्षेत्र में हिंदू समुदाय के मूर्ति कारीगरों के परिसरों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सील कर दिया । यह करवाई सरकार के कहने पर की गई और इसके जरिए हिंदुओं की भावनाओं पर चोट की जा रही है। इस कार्रवाई से मूर्ति निर्माताओं के सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। क्योंकि उनके पास आय का कोई दूसरा जरिया नहीं है। कार्रवाई के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
इसको लेकर आमजनो में गुस्सा है। हिंदू मूर्ति निर्माताओं पर यह कार्रवाई तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के ‘सनातन को जड़ से खत्म’ करने की अपील के कुछ ही दिनों बाद हुई ।वायरल हुए वीडियो में साफ दिख रहा है कि राज्य के अधिकारी मूर्ति बनाने वाली इकाई को सील कर रहे हैं। महिला कारीगर गुहार लगा हैं कि यही उनके परिवार पालने का स्रोत है। इसे नुकसान ना पहुँचाया जाए। लेकिन अधिकारियों को कोई असर नहीं हुआ । अधिकांश परिवार राजस्थान से है और वह पलायन को मजबूर है तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने तमिलनाडु सरकार की इस कार्रवाई की निंदा की है।
उन्होंने एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया है। इस वीडियो में एक कारीगर स्थानीय मीडिया से अपनी आपबीती सुनाता है। वह कहता है, हम लगभग 10 साल से गणेश की मूर्तियाँ बना रहे हैं। मूर्तियाँ बनाने के लिए हम चॉकपीस पाउडर का उपयोग करते हैं। यह पानी में तुरंत घुल जाता है।कारीगर आगे कहता है,इस पर अधिकारियों ने आकर नमूने देखे थे। लेकिन उन्होंने कहा कि मूर्तियाँ अच्छी गुणवत्ता की नहीं हैं। दो दिन पहले उन्होंने देखा था। पाउडर में जो पेंट है, वह वॉटर पेंट है।
तमिलनाडु में गणेश मूर्ति को बनाया जा रहा निशाना।
मूर्ति निर्माताओं को बनाया जा रहा निशाना।
एक और गणेश मूर्ति को जब्त कर लिया गया। pic.twitter.com/tiIG8OXgof
— Panchjanya (@epanchjanya) September 16, 2023
कोई रासायनिक मिश्रण नहीं है। कोई बाहरी मिश्रण नहीं है। कोई ऑयल पेंट रंग भी नहीं है। यह सामान्य वाटर पेंट है। इसके बावजूद उन्होंने हमारा इकाई सील कर दिया है।कारीगर आगे कहता है, लगभग 160 से 170 मूर्तियाँ यहाँ हैं। मैंने ब्याज पर लोन लेकर इसमें 10 लाख रुपए का निवेश किया था। इसके लिए मैंने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से उधार लिया है। अब खाने के लिए भी पैसे चाहिए। इस दौरान उसी परिवार की एक महिला रोने लगी।
महिला ने कहा, इतने सालों से उन्होंने कुछ भी नहीं कहा। इस बार ही वे ऐसा कह रहे हैं। अगर उन्होंने हमें 20 दिन पहले बताया होता तो हम मूर्तियाँ कहीं और ले जाते। अब हम उन्हें वहाँ नहीं ले जा सकते। इसके लिए हमने सूद पर रुपए लिए थे।मूर्ति बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि वे पिछले एक दशक से आलू के आटे और अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग करके मूर्तियाँ बना रहे हैं। ये मूर्तियाँ पानी में आसानी से घुल जाती हैं।
तमिलनाडु पीसीबी ने राजस्व विभाग और पुलिस के अधिकारियों के साथ मूर्ति बनाने वाले कारीगरों के यहाँ औचक निरीक्षण किया अधिकारियों ने इस कार्रवाई के लिए एक शिकायत को आधार बताया, जिसमें कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन करते हुए प्लास्टर ऑफ पेरिस का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया है।
भाजपा अन्नामलाई ने डीएमके पर सनातन धर्म के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया है। कुछ दिन पहले ही मूर्ति बनाने में पीओपी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाकर तेनकासी में मूर्ति फैक्ट्री के मालिक और मुरुगन नाम के बीजेपी कार्यकर्ता के परिसर पर छापा मारा गया था।
कारीगर ने मजबूर होकर अपनी एक मूर्ति को तोड़ा और अधिकारियों को दिखाया कि यह बायोडिग्रेडेबल है, पीओपी नहीं। इसके बावजूद मुरुगन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।