आईएसडी नेटवर्क। (पॉलिटिकल डेस्क ) भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह ने आसनसोल से लोकसभा का चुनाव लड़ने से मना करते हुए भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका दे दिया है। शनिवार को जारी हुई भाजपा की पहली लिस्ट में पवन सिंह का नाम था। भाजपा ने उन्हें पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से उम्मीदवार बनाया था। पवन सिंह ने अचानक नाम वापस लेकर विपक्षी दलों को हमला करने का मौक़ा दे दिया है। विशेष रुप से तृणमूल कांग्रेस भाजपा पर हमलावर हो गई है। इसके अलावा दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा के सांसद डॉ.हर्षवर्धन का विदाई पत्र भी चर्चा में है।पूर्व दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर के संन्यास लेने के बाद हर्षवर्धन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है।
देश की फ़िज़ाओं में चुनावी रंग घुलने लगा है। शनिवार को भाजपा ने सबसे पहले 195 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी थी। हालाँकि रविवार को भाजपा की ख़ुशी कुछ हल्की पड़ गई, जब आसनसोल से उम्मीदवार बनाए गए पवन सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया। पवन सिंह के पीछे हटने पर तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है। टीएमसी के अनुसार पवन सिंह ने अपने एक आपत्तिजनक वीडियो के वायरल होने के बाद नाम वापस लिया है।
टीएमसी के अनुसार आसनसोल में पवन सिंह के अश्लील वीडियो का विरोध हुआ और इसके कारण उन्होंने अपना नाम वापस लिया है। टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने कहा है कि ‘बंगाल में भाजपा की नारी शक्ति की बातें खोखली और निरर्थक हैं।’ हालाँकि पवन सिंह ने ऐने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है ‘भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का हृदय से आभार प्रकट करता हूँ। पार्टी ने मुझ पर विश्वास कर आसनसोल का उम्मीदवार घोषित किया लेकिन मैं किसी कारणवश चुनाव नहीं लड़ सकूंगा। ‘
दरअसल भाजपा ने जैसे ही पवन सिंह को आसनसोल से उम्मीदवार बनाने की घोषणा की, वैसे ही विपक्षी नेताओं ने पवन के पुराने गीतों को लेकर विरोध करना शुरु कर दिया। इस केस में विशेष रुप से टीएमसी ने महिला सम्मान को मुद्दा बनाकर लीड ले ली। दरअसल पवन सिंह के एक गाने के बोल हैं ‘बंगाल वाली माल’। इसी गीत पर पर विवाद हुआ। माना जा रहा है कि पवन सिंह का आसनसोल से चुनाव न लड़ने की वजह भी यही विवाद हो सकता है।
स्वयं को 370 सीट का दावेदार बताने वाली भाजपा की अंदुरनी हालत इस बात से समझ आ रही है कि गौतम गंभीर और हज़ारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा ने स्वयं को सक्रिय राजनीति से अलग कर लिया और अब टिकट कटने के बाद दिल्ली के चांदनी चौक से राजनीति करने वाले डॉ हर्षवर्धन भी वापस अपने क्लिनिक लौट चुके हैं। रविवार की दोपहर डॉ. हर्षवर्धन ने अपने एक्स अकाउंट पर अपना विदाई पत्र लिख दिया। इस लंबी पोस्ट में उन्होंने अपने तीस वर्षीय राजनीतिक जीवन की बात कहते हुए अपनी उपलब्धियों के बारे में बताया। पोस्ट के अंत में वे लिखते हैं ‘कृष्णा नगर में मेरा ईएनटी क्लिनिक भी मेरी वापसी का इंतजार कर रहा है।’