अर्चना कुमारी लोकसभा चुनाव होने है और जाति, धर्म और भाषा के आधार पर वोट मांगने पर कड़ी कार्रवाई के संकेत चुनाव आयोग ने दिए है।
आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को चुनाव प्रचार के दौरान शिष्टाचार बनाए रखने को कहा है। साथ ही आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को तथ्यात्मक आधार के बिना बयान नहीं देना चाहिए।
सनद रहे आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होना है। इससे पहले शुक्रवार को निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता लागू होने से पहले ही देश के तमाम राजनीतिक दलों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।
चुनाव आयोग ने जाति, धर्म और भाषा के नाम पर और अन्य कई तरीकों से वोट नही मांगे जाने की हिदायत दी है।चुनाव आयोग ने ये भी कहा है कि आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों के खिलाफ ‘नैतिक भर्त्सना’ के बजाय कठोर कार्रवाई की जाएगी।
चुनाव आयोग ने नेताओं से कहा है कि वे जाति, धर्म और भाषा के आधार पर वोट मांगने से परहेज करें तथा भक्त एवं भगवान के बीच के संबंधों का उपहास नहीं उड़ाएं अथवा दैवीय प्रकोप का हवाला नहीं दें। मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारे या कोई अन्य पूजा स्थल का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
आयोग ने ये भी कहा है कि जिन स्टार प्रचारकों और उम्मीदवारों को पहले नोटिस मिला है, उन्हें आदर्श आचार संहिता के बार-बार उल्लंघन के लिए कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
चुनाव आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को चुनाव प्रचार के दौरान शिष्टाचार बनाए रखने को कहा है। इसके साथ ही स्टार प्रचारकों एवं उम्मीदवारों खासकर उन लोगों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी की चेतावनी दी है जिन्हें पहले भी नोटिस जारी किए गए थे।
आयोग ने कहा है कि राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को तथ्यात्मक आधार के बिना बयान नहीं देना चाहिए या मतदाताओं को गुमराह नहीं करना चाहिए।
निर्वाचन आयोग ने अपने निर्देशों में सोशल मीडिया पर होने वाली गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। आयोग ने अपने निर्देश में कहा है कि सोशल मीडिया पर प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने वाले या उनका अपमान करनी वाली पोस्ट तथा गरिमा पर चोट करने वाली पोस्ट नहीं किए जाने चाहिए या ऐसी सामाग्री साझा नहीं की जानी चाहिए।