अर्चना कुमारी। बिहार में नौकरी के नाम पर ठगी की अनोखी ये कहानी है। जिसमे शामिल आठ लोग गिरफ्तार किए गए। दरअसल, साइबर अपराधियों ने ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब एजेंसी बनाकर लोगों से ठगी की शुरुआत की। कई लोग और परिवार इसके शिकार हुए और गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से कई मोबाइल और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए है।बिहार के नवादा जिले की पुलिस ने बताया ‘ऑल इंडिया प्रेग्नेंट जॉब एजेंसी’ बनाकर साइबर क्राइम किया गया।
इस गिरोह के सदस्य भोले-भाले लोगों से मोबाइल फोन कर संपर्क बताते थे कि जिन महिलाओं को बच्चे नहीं होते है, उन महिलाओं को प्रोग्नेंट करना है। इसके बदले पैसे दिए जाएंगे। साइबर अपराधियों की ओर से बताया जाता था कि अगर महिलाएं प्रेग्नेंट हो गई तो 5 लाख दिया जाएगा। कई लोग इस झूठे वादे के चक्कर में पड़ कर ठगी का शिकार होते चले जा रहे थे।जॉब पाने से पहले रजिस्ट्रेशन के नाम पर 799 रुपया लिया जाता था।
फिर सिक्युरिटी फीस और अन्य शुल्क के नाम पर 5,000 से 20,000 रूपया तक ठगी कर अपराधी गायब हो जाते थे। सारी ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया थी। फीस आते आरोपियों के मोबाइल बंद और ठगी के शिकार बेवकूफ बनते थे। हालांकि शिकयत मिलने पर पुलिस ने करवाई की और नवादा गुरमा स्थित ईंट के बने बोरिंग घर के पास साइबर क्राइम करने वाले 8 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार साइबर अपराधियों की पहचान शत्रुधन कुमार उर्फ सोनु कुमार, राजेश कुमार, प्रभात कुमार वर्मा, कविन्द्र प्रसाद कुमार, गोपाल दास, अनिल कुमार, अजय कुमार और लक्ष्मण कुमार के रूप में की गई है।गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से 9 मोबाईल फोन और एक प्रिन्टर बरामद किया गया।
इन अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस की ओर से एक टीम गठन किया गया। फिर छापामारी करके सभी अपराधी को पकड़ा गया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि नवादा जिले में साइबर क्राइम का मामला काफी बढ़ गया है। अब हर प्रखंड में साइबर क्राइम करने वाले लोग अपना वर्चस्व बनाना शुरू कर दिया है। इस साइबर क्राइम में कम उम्र के युवा प्रवेश करते हैं। फिर धीरे-धीरे करके वे लोगों को ट्रेनिंग भी देते हैं और उन्हें साइबर क्राइम करने के लिए बताते हैं।पुलिस ने बताया ये लोग ऑफिस भी खोल लिया था। जहां से फर्जीवाड़ा संचालित किया जा रहा था।