अर्चना कुमारी । हिंदुस्तान हिंदुओं का कितना है इसका अंदाजा हिंदुओं के प्रमुख त्योहार दिवाली पर देश की राजधानी में पटाखा बेचने को लेकर कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन करते हुए दिल्ली पुलिस के धरपकड़ से पता चलता है । दूसरे समुदाय के प्रमुख त्योहार बकरीद पर तो बकरियों का कत्लेआम हो जाता है लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता जबकि दिवाली पर पटाखा बेचने वाले अक्सर पकड़े जाते हैं और इसी के तहत पटाखा का धंधा करने के आरोप में मामा-भांजे की जोड़ी को गिरफ्तार किया गया ।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान मामा शाहदरा निवासी मुकुल जैन (24) और भांजे ज्योति नगर निवासी तुषार उर्फ वंश जैन (19) के रूप में हुई है। पुलिस ने मंडोली इंडिस्ट्रयल एरिया स्थित इनके गोदाम पर छापेमारी कर करीब 2625 किलोग्राम पटाखे बरामद किए हैं। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने करनाल और संगरुर के डिस्ट्रिब्यूटरों से पटाखे मंगवाए थे। दीपावली पर इन पटाखों को मुंहमांगे दामों पर बेचे जाने की योजना थी। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।
स्पेशल कमिश्नर क्राइम ब्रांच रविंद्र यादव ने बताया कि पटाखों पर प्रतिबंध के बाद उनकी टीम लगातार अवैध पटाखे बेचने और स्टोर करने वाले लोगों पर नजर रखे हुए है। इसी कड़ी में पुलिस उपायुक्त अमित गोयल की टीम को सूचना मिली कि मंडोली इंडस्ट्रियल एरिया फेस-2 के एक गोदाम में पटाखे छिपाकर रखे गए हैं।
इस सूचना पर मौके पर पुलिस टीम पहुंची और जांच करने पर पता चला कि गोदाम शाहदरा निवासी मुकुल जैन नामक कारोबारी का है। गोदाम की देखरेख का काम उसका भांजा तुषार करता है। सूचना के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने मौके पर छापेमारी कर वहां से 145 पेटी पटाखे बरामद किए। पुलिस ने दोनों आरोपियों को दबोच लिया।
छानबीन के दौरान पता चला कि वर्ष 2018 से मुकुल का पटाखों का धंधा है। उसके पिता का भी यही काम था। वर्ष 2017 में मुकुल के पिता की मौत हो गई थी। मुकुल ने अपने भांजे को 12 हजार रुपये वेतन पर रखा हुआ था। दो साल से वह मामा के पास नौकरी कर रहा था। दोनों पहले भी इसी तरह के अपराधों में शामिल रहे हैं। दिल्ली पुलिस का स्पष्ट कहना है कि अभी तो यह शुरुआत की गई है आगे और भी पटाखा बेचने वाले पर सख्त कार्रवाई की जाएगी