दुनिया जानती है कि तथाकथित किसान कुतर्क कर सरकार को ब्लैकमेल कर रहे है। इतना ही नहीं पिछले 2 महीने से किसान बिल को खारिज किए जाने को लेकर दिल्ली को घेर कर बैठे हैं।
लेकिन इसके बावजूद किसानों की जिद के आगे पुलिस को पीछे हटना खतरनाक साबित हो सकता है।
जिस तरह से नागरिक कानून के विरोध में पुलिस ने मौखिक तौर पर शाहीन बाग में बैठने की मंजूरी मुस्लिम लोगों को दे दी थी और बाद में इसके परिणाम स्वरूप भीषण दंगे झेलने पड़े।
इसको लेकर दिल्ली पुलिस की आलोचना सुप्रीम कोर्ट ने भी की थी। इस बार कुछ इसी तरह गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली निकालने की मंजूरी दिल्ली पुलिस ने दे दी है।
करीब दो महीने से सिंघू बार्डर, टिकरी बार्डर और गाजीपुर बार्डर पर बैठे किसानों के लिए दिल्ली में प्रवेश करने वाले रास्ते अब खोल दिए जाएगें। बताया जाता है कि किसानों की रैली गणतंत्र दिवस कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद निकल सकेगी।
यह दिन पुलिस के लिए सबसे ज्यादा चुनौती भरा रहने वाला है। क्योंकि पहले गणतंत्र दिवस कार्यक्रम को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराना और इसके बाद ट्रैक्टर रैली पर सुरक्षा व्यवस्था के प्रर्याप्त इंतजाम करना, ताकि किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो सके।
दिल्ली पुलिस ने खुद इस बात को स्वीकार किया है किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान माहौल बिगाड़ने या गड़बड़ी होने की पूरी आशंका है और इसके लिए दिल्ली पुलिस फुलप्रूफ सुरक्षा की तैयारी कर रही है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर 308 टि्वटर हैंडल इस काम में बाधा उत्पन्न करने के लिए जनरेट किए गए हैं , जिन पर पुलिस की पैनी नजर है।
आतंकी संगठन या असमाजिक तत्व रैली के दौरान गड़बडी कर सकते हें। खासकर सिख फॉर जस्टिस नामक खालिस्तानी संगठन तथा इस्लामिक संगठन पीएफआई गड़बड़ियां फैला सकता है।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी इंटेलीजेंस दीपेन्द्र पाठक का कहना है कि ट्रैक्टर रैली को लेकर पांच छह बार संयुक्त किसान मोर्चा से मीटिंग हुई ।
किसानों की इच्छा थी कि वे गणतंत्र दिवस वाले दिन ट्रैक्टर रैली निकालें, जिसे पुलिस ने मान लिया ।
गाजीपुर, सिंघू और टिकरी बार्डर पर लगे बैरिकेड व अवरोधक किसानों के लिए हटा दिए जाएगें ताकि वे रैली को निकाल सकें। इन तीन प्वाइंट्स से ही उनकी दिल्ली में एंट्री हो सकेगी।
कुछ किलोमीटर दिल्ली में आने के बाद वे अपनी रैली निकाल उसी जगह पर पहुंचगें जहां से चले थे।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि टिकरी बार्डर से 63 से 64 किलोमीटर, 62 से 63 किलोमीटर सिंघू बार्डर से और गाजीपुर बार्डर से 46 किलोमीटर का ट्रैक्टर रैली का रुट होगा।
इस रैली को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने के लिए पुलिस के साथ ही किसानों के वांलटिंयर भी साथ देगें। इस रैली को लेकर दिल्ली, हरियाणा और यूपी पुलिस अधिकारियों के बीच भी चर्चा हुई है।
ट्रैक्टर रैली को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराना बड़ी चुनौती होगी। इसके लिए दिल्ली पुलिस तैयारी में जुटी हुई है।
पुलिस के अनुसार 13 जनवरी से 18 जनवरी के बीच पाकिस्तान से 308 टिवटर हैंडल जनरेट हुए हैं, जिनका मकसद रैली के दौरान गड़बड़ी करने का है।
इन टिवटर हैंडल किसानों से सम्बंधित आपतिजनक कंटेट दिया जा रहा है।
इन पर पुलिस लगातार नजर बनाए हुए है। पुलिस की पूरी कोशिश रहेगी कि किसानों की रैली सुरक्षित वातावरण और माहौल में हो सके।
यह पता किया जा रहा है कि अभी दिल्ली कुल कितने ट्रैक्टर आ रहे हैं, हालांकि इसकी संख्या अभी साफ नहीं।
पुलिस के पास अभी जो इनपूट है, उसके मुताबिक टिकरी बार्डर पर सात हजार, सिंघू बार्डर पर साढ़े पांच हजार और गाजीपुर बार्डर पर एक हजार ट्रैक्टर पहुंच चुके हैं।
लेकिन इसकी संख्या कहीं और अधिक हो सकती है। दिल्ली पुलिस का दावा है कि किसान जिस तरह से दिल्ली में रैली के लिए आएगें, ठीक उसी तरह वे वापस उसी जगह पर चले जाएगें जहां पर बैठकर वे अपना आंदोलन कर रहे हैं।
पुलिस इस बात की रणनीति भी बना रही है कि अगर कहीं कोई हादसा या घटना होती है तो उससे कैसे निपटा जाए।
दिल्ली पुलिस की माने तो सिंघू बार्डर से ट्रैक्टर रैली संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर की ओर से मुडकर कंझावला, बवाना, चंदी बार्डर होते हुए केएमपी से वापस सिंघू बार्डर जाएगें।
टिकरी बार्डर से नांगलोई, नजफगढ और झडौदा होते हुए वापस लौटेगी। गाजीपुर बार्डर से अप्सरा बार्डर, हापुड रोड होते हुए अपनी मंजिल पर जाएगें। पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव ने भी एक आदेश जारी करते हुए अधिकारियों से कहा है
गणतंत्र दिवस की परेड के बाद किसान ट्रैक्टर रैली सम्पन्न होने तक पूरी तरह से अलर्ट पर रहें और आम जनों को भी किसी तरह की संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु को देखकर इसकी सूचना पुलिस को देने की अपील की गई है। किसानों ने इसे किसान गणतंत्र परेड का नाम दिया है।