Archana Kumari. बाटला हाउस एनकाउंटर केस में अदालत का फैसला आते ही केंद्रीय मंत्री रविशंकर कांग्रेस समेत उन तमाम विपक्षी दलों को कटघरे में खड़ा कर दिया। जिन्होंने इस मुठभेड़ को फर्जी बताया था।
केंद्रीय कानून मंत्री और बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर कहा कि एक खास तबके के वोट के लिए इन राजनीतिक दलों ने दिल्ली पुलिस का मनोबल तोड़ा और खूंखार आतंकवादियों का साथ दिया।
इसके लिए उन्होंने सोनिया गांधी, सलमान खुर्शीद, दिग्विजय सिंह, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल से सवाल पूछे और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। केंद्रीय मंत्री यहीं नहीं रुके और पश्चिम बंगाल में चुनाव का सामना कर रही ममता बनर्जी से पूछ डाला कि वह कब राजनीति छोड़ रही है।
केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस वार्ता के दौरान 18 अक्टूबर 2008 की एक खबर पढ़ते हुए बताया कि कैसे ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर बाटला हाउस एनकाउंटर फर्जी साबित नहीं हुआ तो वो राजनीति छोड़ देंगी।
उन्होंने ममता बनर्जी की मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने होने पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि ममता बनर्जी ने एनकाउंटर के बाद जामियानगर में कहा था कि मुठभेड़ फर्जी थी।
इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों को उनके बयान याद दिलाते हुए गंभीर आरोप लगाए। केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि विपक्षी नेताओं के रवैये से दिल्ली पुलिस के कर्मी इतने डर गए थे कि उन्होंने बीजेपी नेताओं से संपर्क कर सुरक्षा की गुहार लगाई थी।
रवि शंकर प्रसाद ने कहा, दिल्ली पुलिस के कई लोगों ने हमसे परोक्ष संपर्क किया था कि हमें बचाइए। हमें ही हमलावर बताने की मुहिम चल पड़ी है। हम देश की सुरक्षा के लिए क्या करें।
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेताओं के बयान याद दिलाते हुए कहा कि इन्होंने वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए देश की सुरक्षा ताक पर रख दी और देश को खतरे की तरफ धकेल दिया था।
उन्होंने कहा, आपने सलमान खुर्शीद का बयान सुना होगा कि आतंकवादी मारे गए तो सोनिया गांधी की आखों में आंसू थे। इस तरह का सार्वजनिक तौर पर बयान दिया गया और बयान रेकॉर्ड पर है।
कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह तो आजमगढ़ आतंकियों के परिजनों से मिलने चले गए थे । उन्होंने कहा था कि गोली तो सिर के ऊपर लगी है तो वो हमला कहां से करेंगे? इस पूरी घटना को एक प्रकार से जबर्दस्त संदेह में डालने की कोशिश की गई।
यह सब दिल्ली पुलिस का मनोबल तोड़ने और आंतकवादियों की हौसला आफजाई के लिए किया गया था ताकि खास तबके का वोट हासिल किया जा सके। जिसका भारतीय जनता पार्टी शुरू से विरोध करती रही है और भारतीय जनता पार्टी का तुष्टीकरण की राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।
केंद्रीय मंत्री का कहना था कि उस समय समाजवादी नेता अमर सिंह और तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी ने जामियानगर में मंच साझा किया और बाटला हाउस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की थी।
मौके पर मौजूद लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच ममता बनर्जी ने कहा कि अगर वो झूठी साबित हुईं तो राजनीति करना छोड़ देंगी। जबकि सच्चाई यह है कि साल 2013 में आरोपी शहजाद का इस मामले में आजीवन कारावास हुआ और अब मुख्य अभियुक्त आरिज खान उर्फ जुनैद दोषी साबित हुआ।
उन्होंने कहा, ममता बनर्जी, अब क्या कहेंगी? सलमान खुर्शीद आपका क्या कहना है? क्या आपके और सोनिया गांधी की आखों से अब आंसू निकले कि नहीं? दिग्विजय सिंह अब आप क्या कहेंगे?” उन्होंने आगे कहा, “बाटला हाउस कांड को समाजवादी पार्टी, बीएसपी, कांग्रेस पार्टी, लेफ्ट पार्टीज, ममता बनर्जी… इन सबों ने राष्ट्रीय मुद्दा बनाया था।
यूपी के चुनाव में भी इसे मुद्दा बनाया था। इसमें अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे। उन्होंने भी जांच की मांग की थी। क्या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को इस तरह कमजोर किया जाएगा।
रविशंकर प्रसाद ने विपक्षी दलों पर बाटला हाउस एनकाउंटर पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि ये लोग राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग गए, उसने जांच में एनकाउंटर को सही पाया।
ये लोग दिल्ली हाई कोर्ट गए, उसने भी सही पाया तो ये लोग सुप्रीम कोर्ट गए, उसने भी इसे सही पाया।” उन्होंने कहा कि कल बाटला हाउस एनकाउंटर पर उठे सवालों के जवाब मिल गए और वोट बैंक पॉलिसी के कारण पिछले 22 सालों से जारी विवाद का खात्मा हो गया ।
उन्होंने बताया कि देश की सुरक्षा और आतंकवाद की लड़ाई के मामले में भी कांग्रेस पार्टी और बाकी विपक्षी पार्टियां किस तरह आतंकवादियों के पक्ष में खड़ी हो गई थीं।
दिल्ली के अंदर भीषण आतंकवादी हमला हुआ था और इन पार्टियों ने पुलिस की हिम्मत को तोड़ने की कोशिश की। उन्होंने याद दिलाया, 13 सितंबर 2008 को दिल्ली में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे, जिनमें 29 लोग मारे गए जबकि 159 लोग घायल हुए थे।
पता चला था कि इसमें इंडियन मुजाहिदीन का हाथ है। जब पता चला कि दिल्ली के जामियानगर स्थित बाटला हाउस में इसके आतंकवादी छिपे हैं तो वहां पुलिस तलाशी लेने पहुंची।
वहां आतंकवादियों ने पुलिस दल पर गोलियां चलानी शुरू कर दी, जिसमें इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गए जबकि दो पुलिस वाले घायल हो गए। वहीं पुलिस की गोलियों से दो आतंकवादी मारे गए जबकि दो बचकर भाग निकले।
कोर्ट ने कल के फैसले में माना है कि ये भारत की एकता और अखंडता पर हमला था। ये आतंकवाद की घटना थी। लगभग 100 गवाहों की गवाही और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर इस घटना को सही पाया।
आरिज खान उर्फ जुनैद देश में कई बम धमाकों का मास्टमाइंड था जिनमें 165 लोगों की मौत हुई थी। देश की सुरक्षा और आतंकवाद की लड़ाई के मामले में कांग्रेस और विपक्ष की पार्टियां आतंकियों के पक्ष में खड़ी हुई और दिल्ली में हुई भीषण आतंकी हमले में पुलिस की हिम्मत को तोड़ने की कोशिश की गई।
आरिज खान उर्फ जुनैद ये बाटला हाउस एनकाउंटर के अलावा 2007 में यूपी के लखनऊ कोर्ट ब्लास्ट, फैजाबाद और वाराणसी ब्लास्ट में भी शामिल था। 2008 में दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में जो धमाके हुए थे उसके मुख्यसाजिशकर्ता का नाम आरिज खान था।
बाटला हाउस कांड को समाजवादी पार्टी, बीएसपी, कांग्रेस पार्टी, लेफ्ट पार्टी, ममता ने नेशनल इश्यू बनाया था। केंद्रीय मंत्री ने सवाल पूछा है कि क्या वोट के लिए आतंकवाद की लड़ाई को इस तरह से कमजोर किया जाएगा