अर्चना कुमारी । अलग तरह की राजनीति का दावा करने वाले और देश से भ्रष्टाचार मिटाने का संकल्प करने में कथित तौर पर माहिर अरविंद केजरीवाल खुद को प्रधानमंत्री का सपना देखने लगे हैं और उनके नेता कार्यकर्ता एक-एक कर भ्रष्टाचार में फंसते चले जा रहे हैं। उनके खास सिपहसालार मनीष सिसोदिया शराब घोटाला में फंसे तो उससे पहले सत्येंद्र जैन गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
इस बार दिल्ली नगर निगम के चुनाव का टिकट बेचने का आरोप उनके विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी पर लगा है और आम आदमी पार्टी को समझ नहीं आ रहा कि वह इस बारे में क्या प्रतिक्रिया करे पुलिस सूत्रों का कहना है कि दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के साले और उसके दो सहयोगियों को नगर निकाय चुनाव में एक पार्टी कार्यकर्ता की पत्नी को टिकट देने के एवज में कथित तौर पर 90 लाख रूपए मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया ।
पुलिस के अनुसार गोपाल खारी नाम का एक व्यक्ति अपनी शिकायत लेकर एसीबी के पास पहुंचा। दावा किया कि वह साल 2014 से आप से एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में जुड़ा है। खारी ने पिछले बुधवार को मॉडल टाउन के विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी से मुलाकात कर अपनी पत्नी को कमला नगर के वार्ड नंबर 69 से पाषर्द चुनाव के लिए आप का टिकट दिलाने का अनुरोध किया था।
त्रिपाठी ने टिकट के बदले कथित तौर पर 90 लाख रूपए मांगी थी, जिसके बाद खारी ने उन्हें 35 लाख का भुगतान किया था। त्रिपाठी के कहने पर खारी ने आप विधायक राजेश गुप्ता को भी 20 लाख दिए थे। इसमें दावा किया गया है कि खारी ने त्रिपाठी से कहा था कि वह बाकी राशि का भुगतान टिकट मिलने के बाद करेगा। एसीबी के मुताबिक, हालांकि रविवार को जारी उम्मीदवारों की सूची में खारी को अपनी पत्नी का नाम नहीं दिखा और उसने जिस वार्ड से टिकट मांगा था, उस पर आप ने किसी और को प्रत्याशी घोषित किया था।
शिकायत के अनुसार, बाद में त्रिपाठी के साले ओम ने खारी से संपर्क किया और भरोसा दिलाया कि उन्हें अगले चुनाव में टिकट दिया जाएगा। रकम लौटाने की गोपाल को पेशकश की गई । एसीबी के अनुसार, सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात को उसने खारी के घर पर जाल बिछाकर Om Singh और उसके सहयोगियों- PA शिव शंकर पांडे तथा प्रिंस रघुवंशी को गिरफ्तार कर लिया, जो खारी को त्रिपाठी द्वारा लिए गए 33 लाख लौटाने पहुंचे थे।
एसीबी ने बताया कि सिंह, पांडे और रघुवंशी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया। अखिलेशपति त्रिपाठी ने इस पूरे मामले पर कहा कि जिसको टिकट नहीं मिलता है, इसी तरह के आरोप लगाते है।