अर्चना कुमारी। मुस्लिम किसी भी धंधे में हो उनके लिए मजहब सर्वोपरि है। गजवा ए हिंद की चाहत रखने वाला और महाराष्ट्र के पुणे शहर का रहने वाला अदनान अली को पकड़ा गया है, जो पेशे से डॉक्टर बताया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी का कहना है कि वह आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए भर्ती कर रहा था। डॉक्टर अदनान अली सरकार (43) के घर से आतंकवादियों से संबंधित कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए हैं।
एनआईए सूत्रों के अनुसार इस मामले में मुंबई से तीन और ठाणे से एक व्यक्ति को पूर्व में गिरफ्तार किया गया । इनकी पहचान ताबीश नासीर सिद्दीकी, जुबेर नूर मोहम्मद शेख इर्फ अबू नुसेबा, शर्जिल शेख और जुल्फीकार अली बारूदवाला के रूप में हुई है। ये सभी इस्लामिक स्टेट (आईएस), इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट (आईएसआईएल), इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) , खुरासान में आईएसआईएस-के , आईएसआईएस आदि आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों में शामिल थे। इनमें से सबसे कुख्यात डॉ. अदनान अली युवाओं को आतंकी संगठन में शामिल करने के लिए काम कर रहा था।
इसकी मुख्य जिम्मेदारी आईएसआईएस मॉडल को जन-जन तक पहुंचाना था। इस मॉडल को महाराष्ट्र में लाने में डॉ. अदनान अली की महत्वपूर्ण भूमिका थी। इस मामले की गहन छानबीन एनआईए की टीम कर रही है। गिरफ्तारी गुरुवार को पुणे के कोंढवा इलाके में हुई, जहां एनआईए ने छापेमारी कर डॉ. सरकार को हिरासत में ले लिया ।
इससे पहले, 3 जुलाई को जांच एजेंसी ने चार अन्य संदिग्धों ताबिश नासिर सिद्दीकी, जुबैर नूर मोहम्मद शेख और दो अन्य को मुंबई, ठाणे और पुणे से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार किए गए सभी लोग आईएसआईएस की आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने की साजिश में शामिल थे । उन्होंने एक स्लीपर सेल का गठन किया था और सक्रिय रूप से युवा व्यक्तियों को अपने रैंक में शामिल करने के लिए भर्ती कर रहे थे।
एनआईए का मानना है कि गिरफ्तार संदिग्ध विदेश स्थित अपने आकाओं के निर्देशों पर काम कर रहे थे, जो आईएसआईएस के हिंसा और आतंक के एजेंडे को आगे बढ़ाने के इच्छुक थे।
समूह ने कट्टरपंथी विचारधाराओं को फैलाने के उद्देश्य से भड़काऊ मीडिया सामग्री भी तैयार की थी, जिसे “वॉयस ऑफ हिंद” नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। जांच से पता चला है कि गिरफ्तार संदिग्ध आईएसआईएस के “महाराष्ट्र मॉड्यूल” के बैनर तले काम करते थे।