पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित शंभु और खनौरी बॉर्डर पर बुधवार को अफ़रा-तफ़री का आलम रहा. तनाव भरे इस माहौल के बीच खनौरी में एक युवा किसान की गोली लगने से मौत होने की ख़बर आई है. किसान संगठनों के साथ – साथ पंजाब सरकार ने इस युवक की मौत की पुष्टि की है. हालांकि, हरियाणा पुलिस ने किसान आंदोलन में किसी भी किसान के मारे जाने की ख़बर को अफ़वाह करार दिया गया है. खनौरी बॉर्डर पर मौजूद जसवीर सिंह शुभ के क़रीबी रिश्तेदार हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि शुभकरण सिंह, किसानों और पुलिस के बीच हो रहे गतिरोध की जगह से क़रीब 500 गज पहले खेतों में खड़ा था. उन्होने कहा, “तभी अचानक शुभ को गोली लगी और वो गिर गया.” इसके बाद शुभ को स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया. बाद में उन्हें पटियाला के रजिंदरा अस्पताल में रेफ़र कर दिया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
कौन था मरने वाला युवा?
बीबीसी पंजाबी संवाददाता गगनदीप सिंह को मिली जानकारी के मुताबिक़, शुभकरण सिंह बठिंडा ज़िले के बालोन गांव के रहने वाले थे.
वह अपने परिवार में कमाने वाले अकेले शख़्स थे. और अपने चाचा बलजीत सिंह के साथ खेती-किसानी करते थे. उनके परिवार के पास मात्र दो एकड़ ज़मीन थी. लेकिन वे लीज़ पर 15 एकड़ ज़मीन लेकर खेती कर रहे थे.
अपने भतीजे के बारे में बताते हुए बलजीत सिंह ने बीबीसी न्यूज़ को बताया, “शुभकरण की माँ 15 साल पहले ही गुज़र गयी थीं. वह अपने पीछे दो बहनों और एक दादी को छोड़ गया है.”
खेती के साथ-साथ किसान आंदोलन
बलजीत सिंह ने बीबीसी को बताया है कि शुभ घर के सारे काम संभालने के साथ-साथ किसान आंदोलन में हिस्सा लिया करते थे.
वह कहते हैं, “शुभ घर के सारे काम संभालने के साथ-साथ किसान आंदोलन में भी हिस्सा ले रहा था. उसने दिल्ली वाले आंदोलन में भी हिस्सा लिया था. वह अपने दोस्तों के साथ 13 फरवरी को यहां आया था. मैंने उसे 19 फरवरी को फोन करके वापस आने को कहा था. लेकिन उसने कहा कि वह फरवरी में दिल्ली तक पहुंचकर वापस आएगा.”
उन्होंने शुभकरण सिंह की शिक्षा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि उसने मेट्रिक पास करने के बाद ही खेती बाड़ी करने का फ़ैसला किया था.
उन्होंने ये भी बताया कि ‘शुभ मुझे केंद्रीय मंत्रियों के साथ जारी बैठकों के बारे में बताता रहता था, उसे उम्मीद थी कि सरकार इन मांगों को मान लेगी.’
पंजाब सरकार क्या बोली?
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि शुभकरण सिंह के पोस्टमॉर्टम के बाद पंजाब सरकार एफ़आईआर दर्ज कराएगी और अधिकारियों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई करेगी.
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के साथ है.
मान ने कहा, “आज शुभकरण सिंह की खनौरी बॉर्डर पर मौत हो गई. मैंने वीडियो देखा और दुखी हो गया. वो दो एकड़ ज़मीन वाला छोटा किसान था. वो दिल्ली जाना चाहता था. क्या हम अपने हक़ के लिए देश की राजधानी तक नहीं जा सकते.”
भगवंत मान ने ये भी बताया कि पंजाब सरकार ने हरियाणा-पंजाब की सीमा पर प्रदर्शनस्थलों पर सुरक्षाबलों को तैनात किया है.
भगवंत मान से पहले पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ बलबीर सिंह ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा था कि ‘ये बहुत बुरा है कि अन्नदाता पर अन्याय हो रहा है. उन्हें मारा जा रहा है. मैं देखने आया हूं कि एक युवक की हत्या कर दी गयी है. मैं एक अन्य व्यक्ति से भी मिला हूं. वह भाग्यशाली था कि उसे गोली छू कर निकल गयी.’
पटियाला ज़िले के सरकारी अस्पताल राजिंदरा हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ हरनाम सिंह रेखी ने बताया है कि 22 वर्षीय युवक शुभकरण सिंह की गोली लगने से मौत हुई है.
उन्होंने कहा, “मौत का प्राथमिक कारण सिर के पीछे गोली लगना है. उन्हें मृत अवस्था में पटियाला के राजिंदरा सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया था.”
उन्होंने कहा है कि विस्तृत जानकारी पोस्टमार्टम के बाद ही सामने आएगी. शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है.
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, “बठिंडा ज़िले के शुभकरण सिंह की मौत की ख़बर बेहद अफ़सोसजनक है. मैंने खुद वीडियो देखा है, उसके सिर के पीछे गोली लगी हुई है.”
अकाली दल ने भगवंत मान को घेरा
ये ख़बर आने के बाद से पंजाब में राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गयी है.
जहां एक ओर आम आदमी पार्टी इस मामले में हरियाणा सरकार को घेरती नज़र आ रही है.
वहीं, शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस ने इस मामले में पंजाब के मौजूदा सीएम भगवंत मान को घेरने की कोशिश की है.
शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल ने एक्स पर लिखा है, “ये बेहद दुखद है. बठिंडा के मौर में रहने वाले शुभकरण सिंह की हरियाणा पुलिस फायरिंग में मौत होने से पूरा पंजाब शोक में डूब गया है.”
Extremely tragic. The death of Maur (Bathinda) boy Shubhkaran Singh in Haryana police firing at Khanauri border has sent a pall of gloom in Punjab.
Punjab CM @BhagwantMann’s conspiratorial double game is responsible for the loss of this young life, the only brother of two…
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) February 21, 2024
उन्होंने कहा, “पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का डबल गेम इस युवक की मौत के लिए ज़िम्मेदार है. दो बहनों ने अपना भाई खो दिया है.”
इसके साथ ही उन्होंने कहा, “भगवंत मान पंजाबी किसानों के ख़िलाफ़ हरियाणा के साथ मिलकर दूसरे राज्य की पुलिस को पंजाब की ज़मीन पर पंजाबियों पर हमला करके उन्हें मारने की इजाज़त दे रहे हैं. किसी लोकतंत्र में शांति से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गोलियों से हमला नहीं किया जाता. बेगुनाह युवक शुभकरण सिंह की हत्या के लिए भगवंत सिंह ज़िम्मेदार हैं.”
उधर कांग्रेस ने भी शुभकरण सिंह की मौत पर पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है.
सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, “कई दिनों में हरियाणा पुलिस बिना किसी उकसावे के फ़ायरिंग कर रही है. हम कई दिनों से भगवंत मान को कह रहे थे कि केंद्र के साथ बिचौलिए मत बनो, पंजाब के लोगों के साथ खड़े रहो, पंजाब की किसानी के साथ खड़े रहो. अब 150 से अधिक किसान घायल हैं और आपने एक भी एफ़आईआर दर्ज नहीं की है?”
बाजवा ने मांग की है कि पंजाब सरकार तुरंत हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज करे.
उन्होंने कहा, “पंजाब के किसान शांतिपूर्वक दिल्ली के लिए कूच कर रहे हैं उन्हें हरियाणा में से होकर सुरक्षित दिल्ली की ओर जाने दिया जाए. हरियाणा सरकार जो इस वक्त कर रही है वो बहुत निंदनीय है.”
हरियाणा पुलिस ने बताया अफ़वाह
हरियाणा पुलिस ने अब इस किसान आंदोलन में किसी किसान के मारे जाने की ख़बर को अफवाह बताया है.
अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार आज #किसानआंदोलन में किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है। यह मात्र एक अफवाह है। दाता सिंह-खनोरी बॉर्डर पर दो पुलिसकर्मियों तथा एक प्रदर्शनकारी के घायल होने की सूचना है जो उपचाराधीन है। @ssk303 @DGPPunjabPolice @cmohry @anilvijminister
— Haryana Police (@police_haryana) February 21, 2024
ये ख़बर छपने से लगभग चार घंटे पहले सोशल मीडिया पर दी गयी जानकारी में हरियाणा पुलिस ने लिखा है – “अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार आज किसान आंदोलन में किसी भी किसान की मृत्यु नहीं हुई है. यह मात्र एक अफवाह है.”