Archana Kumari. महाराज सरकार से अब तक उत्पीड़न झेल रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय पांडेय को महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया। शुक्रवार शाम को महाराष्ट्र गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया। तेज तर्रार संजय पांडेय 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वह महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम के महानिदेशक के तौर पर कार्य कर रहे हैं।
इससे पहले मुंबई पुलिस में बगावत कर महाराष्ट्र सरकार की बेरुखी से हताश संजय पांडे ने कहा था कि छुट्टी पर जा रहा हूं और शायद ही कभी पुलिस फोर्स में लौटूं। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था। जिसमें लिखा था सरकार को ट्रांसफर के पहले प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। उन्हें लगता है कि सेवा में लौटना है या नहीं, यह सोचने का वक्त आ गया है।
उस समय संजय पांडे की जगह मुंबई कमिश्नर के पद पर रहे परमबीर सिंह को होमगार्ड का डायरेक्टर जनरल बनाया गया था जबकि परमबीर सिंह को एंटीलिया और मनसुख केस में सचिन वझे की गिरफ्तारी के बाद पद से हटा दिया गया था । प्रदेश सरकार के फैसले से असंतोष जताते हुए संजय पांडे ने कहा था वर्तमान सरकार हमारा करियर बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
ऐसा लगता है संजय पांडे को डीजी का अतिरिक्त प्रभार देकर उन्हें खुश करने की कोशिश की गई है। जबकि मनसुख और एंटीलिया केस में चारों तरफ से घिर चुकी ठाकरे सरकार ने मुंबई पुलिस के दामन पर लगे दाग को धोने के लिए संजय पांडे को यह जिम्मेवारी दी है। संजय पांडे बेहद अनुशासित, भ्रष्टाचार विरोधी और सख्त ऑफिसर माने जाते हैं। संजय पांडे ने आईआईटी कानपुर से कंप्युटर में इंजीनियरिंग की है जबकि वह 1986 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हुए।
वह महाराष्ट्र में कई जगह डीसीपी रहे जबकि 1992 मुंबई दंगों के दौरान धारावी में दंगा नियंत्रण और सामाजिक एकता के लिए पहली बार मोहल्ला कमेटी बनाई थी। 1995 में नारकोटिक्स विभाग के DCP के तौर पर शहर में ड्रग्स रैकेट पर शिकंजा कसा जबकि 1997 इकोनॉमिक ऑफेंस विंग में रहते हुए अभ्युदय बैंक घोटाला, चमड़ा घोटाला की जांच कर भ्रष्टाचार के खुलासे किए।
संजय पांडे 1998 में आगे को पढ़ाई के लिए हॉवर्ड यूनिवर्सिटी गए और मास्टर्स की पढ़ाई की जबकि साल 1999 में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप में रहते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सुरक्षा में तैनात रहे। साल 2001 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया लेकिन इस्तीफा स्वीकार नही किया गया। इसके बाद मामला कोर्ट में चला और साल 2005 में एक बार फिर सेवा में लौटे लेकिन इसके बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाहा लेकिन मिला नहीं और इस पर फिर कोर्ट पहुंचे और करीब 10 साल पहले अपने सर्विस में वापसी की ।
2014-15 लीगल मैट्रोलोजी डिपार्टमेंट कंट्रोलर मेजर में रहते हुए बिल्डरों द्वारा फ्लैट्स में कारपेट एरिया के क्षेत्रफल में कई जा रही चोरी पकड़ी और साल 2015 में होमगार्ड असिस्टेंट जनरल डायरेक्टर बने । इसके बाद इसी पद पर डायरेक्टर जनरल भी हुए और अभी संजय पांडे की जगह परमबीर सिंह को लाया गया जबकि संजय पांडेय महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा निगम में भेेेज दिया गया था।