अर्चना कुमारी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि उनके बंगले के रेनोवेशन के मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। आरोप है उन्होने बंगले की आड़ में शीशमहल बना लिया , सीबीआई जांच एजेंसी ने इस बाबत केस दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है।
ज्ञात हो 12 मई को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने उनके बंगले और इसके कैम्पस में बने ऑफिस के रेनोवेशन को लेकर उपराज्यपाल विनय सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने बताया था कि बंगले पर 52.71 करोड़ रुपए खर्च हुए । सूत्रों का दावा है, इसके बाद 18 जून को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने पीडब्लूडी के 7 अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें 15 दिन के अंदर अपना जवाब देना था। आम आदमी पार्टी का कहना है कि भाजपा हमारी पार्टी को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
अब वे केजरीवाल पर लगाम लगाना चाहते हैं, इसलिए सभी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।लेकिन उनके साथ 2 करोड़ दिल्लीवासियों का आशीर्वाद है। उन पर अब तक 50 से ज्यादा मामले दर्ज कर जांच की जा चुकी है। तब कुछ नहीं मिला और अब भी कुछ नहीं मिलेगा।
भाजपा चाहे जितनी जांच करा ले, केजरीवाल हमेशा आम आदमी की भलाई के लिए लड़ते रहेंगे, प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने ये वीडियो शेयर कर कहा था कि केजरीवाल के पुराने बंगले की छत 3 बार गिर गई थी। इसलिए बंगले का रेनोवेशन जरूरी था। सूत्रों ने दावा किया केजरीवाल के बंगले के पुराने ढांचे को बिना सर्वे रिपोर्ट के ढहा दिया गया था। नए भवन के निर्माण के लिए किसी भवन योजना की मंजूरी नहीं ली थी। मुख्यमंत्री के घर का निर्माण उनके अधिकारों का उल्लंघन कर किया गया ।
उनका घर मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तय पैरामीटर से बहुत बड़ा है। बताया जाता है घर पर 33.49 करोड़ और ऑफिस पर 19.22 करोड़ रुपए खर्च हुए विजिलेंस डिपार्टमेंट की 12 मई की रिपोर्ट के मुताबिक, केजरीवाल के घर पर 33.49 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। वहीं 19.22 करोड़ रुपए उनके ऑफिस पर खर्च हुए। उनके पुराने बंगले को गिराकर नया बंगला बनाया गया था।
बताया जाता है साल 2020 में तत्कालीन पीडब्लूडी मिनिस्टर ने केजरीवाल के बंगले (6, फ्लैग स्टाफ रोड) में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा था कि बंगले में एक ड्राइंग रूम, दो मीटिंग रूम और 24 लोगों की क्षमता वाला एक डाइनिंग रूम बनना चाहिए। इसके लिए बंगले की दूसरी मंजिल बनाने का प्रस्ताव था।
लेकिन दिल्ली सरकार के पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट ने कहा था कि बंगले को तोड़कर उसी परिसर में नया बंगला बनाया जाना चाहिए। पी डब्लू डी ने कहा कि बंगला 1942-43 के दौरान बना था। इसे बने 80 साल हो गए हैं इसलिए इसके ऊपर नई मंजिल बनाना सही नहीं होगा। उसी परिसर में नया बंगला बनना चाहिए।
उसके पूरा बनने के बाद केजरीवाल उसमें शिफ्ट हो जाएंगे और पुराने बंगले को गिरा दिया जाएगा। इस सलाह के आधार पर ही वहां नया बंगला बनाया गया। भाजपा ने केजरीवाल आवास के रेनोवेशन में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का घर और ऑफिस सजाने में 45 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। केजरीवाल घर नहीं, शीश महल में रहते हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।