अर्चना कुमारी। अब विदेशों के फंड पाने वाले एनजीओ को वित्त वर्ष के अंत में विदेशी पैसे से खरीदी गई अपनी चल और अचल संपत्तियों के बारे में जानकारी देनी होगी। इसके लिए विदेशों से चंदा पाने वाले एनजीओ के द्वारा भरे जाने वाले फॉर्म के दो खंडों में बदलाव किया गया है।
बताया जाता है विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम के तहत पंजीकृत एनजीओ को अब विदेशी धन का उपयोग कर बनाई गई चल और अचल संपत्तियों के बारे में जानकारी देनी होगी।इस बारे में गृह मंत्रालय की ओर से इसे लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि विदेशों से फंडिंग पाने वाली एनजीओ के लिए नियमों में बदलाव किया गया। इसके साथ हर वित्त वर्ष (31 मार्च) के अंत में एनजीओ के लिए संपत्तियों की जानकारी देने को अनिवार्य कर दिया गया है।
कानून के मुताबिक,विदेशों के फंड पाने वाली सभी एनजीओ को एफसीआरए के तहत पंजीकृत होना अनिवार्य है।गृह मंत्रालय ने विदेशी योगदान विनियमन नियम, 2010 के आने वाले फॉर्म एफ सी -4 में दो खंडों को जोड़ दिया है। इसमें हर वित्त वर्ष के अंत में एनजीओ अपनी चल संपत्तियों की जानकारी देनी होगी।
इस बीच गृह मंत्रालय की ओर से ऐसी एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस को 31 मार्च,2024 तक बढ़ा दिया गया है। जिनके लाइसेंस 30 सितंबर को एक्सपायर हो रहे थे और रिन्यूएबल बाकी था।दरअसल गृह मंत्रालय द्वारा विदेशी से फंड पाने वाली एजीओ के लिए नियमों को लगातार सख्त किया जा रहा है। सरकारी डेटा के मुताबिक, पिछले तीन वर्षों में विदेशी से भारती एनजीओ को 55,449 करोड़ रुपये मिले हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड गैर-सरकारी संगठनों को देश और विदेश दोनों ही जगह से आर्थिक मदद मिलती हैं… मदद चंदे के रूप में आती है.।एफसीआरए वेबसाइट के अनुसार, 25 सितंबर तक, एफसीआरए लाइसेंस वाले 16,666 सक्रिय एनजीओ और एसोसिएशन थे, जबकि 13,282 संगठनों के एफसीआरए लाइसेंस समाप्त हो गए थे।
गौरतलब है कि विदेशी धन प्राप्त करने वाले 20,694 अन्य गैर-सरकारी संगठनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। ये संशोधन विदेशी योगदान प्राप्त करने वाले गैर सरकारी संगठनों के लिए रिपोर्टिंग आवश्यकताओं में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक हैं। मंत्रालय के इस कदम का उद्देश्य विदेशी योगदान के उपयोग में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है, यह सुनिश्चित करना है कि उनका उपयोग उनके इच्छित उद्देश्यों के लिए किया जाए।