अर्चना कुमारी स्कूल के बगल में करीब 20 मीटर की दूरी पर शराब का ठेका है और एलकेजी का छात्र शिकायत लेकर हाईकोर्ट पहुंचा है।
कोर्ट ने पूछा है स्कूल के बगल में शराब के ठेके का नवीनीकरण हर साल कैसे होता जा रहा है। अब अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी। बताया जाता है यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता तथा न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेन्द्र की इलाहाबाद खंडपीठ ने दिया है।
मामला कानपुर नगर में चिडि़याघर के पास के आजाद नगर मोहल्ले का है। पांच साल का अथर्व दीक्षित इस मोहल्ले में सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल में एलकेजी का छात्र है।उसका कहना है उसे इंसाफ चाहिए।
स्कूल के समीप शराब के ठेके होने से और शराबियों के हुड़दंग से वह परेशान है। एलकेजी के पांच वर्षीय छात्र की तरफ से इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर मदद की गुहार लगाई गई है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।अदालत ने पूछा है हर साल कैसे होता रहा नवीनीकरण। स्कूल के बगल में शराब के ठेके का नवीनीकरण हर साल कैसे होता जा रहा है। नियमानुसार स्कूल के आसपास शराब की दुकान का लाइसेंस नहीं दिया जा सकता।
छात्र का कहना है कि अक्सर यहां सुबह छह-सात बजे से ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है। धुत लोग शराब के नशे में हुड़दंग करते हैं। स्कूल के पास रिहायशी बस्ती भी है, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग रहते हैं।
परिवार वालों ने कानपुर के अफसरों से लेकर सरकार तक कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दलील दी गई कि यह स्कूल 2019 में खुला है, जबकि शराब का ठेका तकरीबन 30 साल पुराना है।
अथर्व के परिवार वालों ने उसके नाम से जनहित याचिका दाखिल की है। जिसकी अब चर्चा हो रही है।