अर्चना कुमारी। कई बार बड़बोलापन ठीक नही होता और पशु पक्षी प्रेमी मेनका गांधी गायों को बूचड़खाने में बेचने का आरोप इस्कॉन पर लगा कर फंस गई लगती है। इस पर इस्कॉन ने कहा भक्त दुखी है और वह मेनका गांधी को मानहानि का नोटिस दे रहे है। दरअसल सारा विवाद तब शुरू हुआ जब मेनका गांधी ने एक यूट्यूबर को दिए इंटरव्यू में इस्कॉन पर इस तरह का आरोप लगाए थे।
अब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) ने शुक्रवार 29 सितंबर को भाजपा सांसद मेनका गांधी को 100 करोड़ रुपए का मानहानि नोटिस भेजा है। पिछले दिनों मेनका का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। इसमें वह कह रही हैं कि इस्कॉन अपनी गौशाला की गायों को कसाइयों को बेचता है।
भारत में इस समय सबसे बड़ा धोखेबाज इस्कॉन है।इस पर इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा, इस्कॉन के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। हमने आरोप लगाने को लेकर मेनका गांधी को नोटिस भेजा है। मेनका गांधी के आरोपों से इस्कॉन के भक्त, समर्थक और शुभचिंतक बहुत दुखी हैं। मेनका के आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं।
सम्पूर्ण विश्व में अब तक 70 लाख से भी अधिक विधर्मियों को सनातन धर्म से जोडने वाली संस्था #ISKCON ने अच्छे से लपेटे मे लिया है मेनका गाँधी को। 100 करोड़ रूपये का मानहानि का केस। pic.twitter.com/HhgaRfnSYJ
— Govind Raj Naidu (@Muktak8) September 29, 2023
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा था कि इस्कॉन ने गौशालाएं स्थापित कीं, जिन्हें चलाने के लिए उन्हें सरकार की तरफ से अनगिनत फायदे मिलते हैं। उन्हें बड़ी जमीनें मिलती हैं। इसके बावजूद जो गाय दूध नहीं देतीं, उन्हें वे कसाइयों के हवाले कर देते हैं। इनकी गौशालाओं में एक भी बछड़ा और एक भी सूखी (बूढ़ी) गाय नहीं है। बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने ये भी कहा मैं आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में इस्कॉन की एक गौशाला में गई थी।
गौशाला में एक भी गाय ऐसी नहीं मिली, जो दूध ना देती हो, ना ही कोई बछड़ा मिला। इसका मतलब साफ है कि वो लोग दूध ना देने वाली गायों और बछड़ों को बेच देते हैं। आगे कहा किसी ने भी कसाइयों को उतने मवेशी नहीं बेचे, जितने इस्कॉन ने बेचे, इस्कॉन गायों को कसाइयों को बेच रहा है। कोई और ऐसा नहीं करता, जितना वे करते हैं।
वे सड़कों पर ‘हरे राम हरे कृष्ण’ गाते हैं। फिर कहते हैं कि उनका पूरा जीवन दूध पर निर्भर है। शायद, किसी ने भी कसाइयों को उतने मवेशी नहीं बेचे, जितने इस्कॉन ने बेचे। अगर ये लोग ऐसा कर सकते हैं तो और लोगों से क्या उम्मीद कर सकते हैं?
इस तरह के आरोप पर इस्कॉन ने मेनका गांधी के आरोपों का खंडन किया।
इस्कॉन के प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा- मेनका गांधी आंध्र प्रदेश के अनंतपुर की गौशाला के बारे में कह रही हैं, वहां 250 से ज्यादा ऐसी गायें हैं, जो दूध नहीं देतीं। वहां सैकड़ों बछड़े भी हैं। उनके आरोप झूठे और निराधार हैं।
युधिष्ठिर ने ये भी कहा कि इस्कॉन ना केवल भारत, बल्कि दुनियाभर में गाय-बैल की रक्षा और देखभाल में सबसे आगे रहा है। हमारे यहां गायों और बैलों की जीवनभर सेवा की जाती है, ना कि उन्हें कसाइयों को बेचा जाता है, जैसा कि आरोप लगाया गया है। इस्कॉन ने सफाई में एक लैटर भी जारी किया।
ज्ञात हो पिछले 50 सालों में इस्कॉन दुनियाभर में गाय संरक्षण और शाकाहार में अग्रणी रहा है और कई देशों में गौशालाओं का निर्माण और रखरखाव कर रहा है। भारत में इस्कॉन 60 से ज्यादा गौशालाओं का रखरखाव कर रहा है, जहां सभी गायों, बैलों और बछड़ों की प्यार और देखभाल के साथ सेवा की जाती है।