अर्चना कुमारी। जिस तेज़ी से कार्ड पेमेंट के अलग-अलग तरीक़े सामने आ रहे हैं, उतनी ही तेज़ी से नियमों की अनदेखी का ख़तरा हैं। आरबीआई का कहना है जहां कार्ड से पेमेंट की छूट नहीं थी लेकिन बिचौलिये के ज़रिए कार्ड पेमेंट लिया जा रहा था। इस तरह केवाईसी की भी अनदेखी हो रही थी। अब एक तरह से रिजर्व बैंक ने वीजा और मास्टर कार्ड पर एक्शन लेते हुए इन कार्ड से बिजनेस पेमेंट पर रोक लगा दी है।
रिजर्व बैंक के एक्शन लेने के बाद पेमेंट मर्चेंट्स के सीनियर अधिकारियों ने आरबीआई के अधिकारियों से मुलाकात की है।बताया जाता है आरबीआई ने वीजा और मास्टर कार्ड से कंपनियों के द्वारा कार्ड के जरिए कमर्शियल पेमेंट को सस्पेंड करने के लिए कहा है। आरबीआई ने उन्हें अगले नोटिस तक बिजनेस पेमेंट सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स के सभी ट्रांजेक्शन को सस्पेंड करने के लिए कहा है।आरबीआई के इस एक्शन के पीछे की साफ वजह सामने नही आई है।लेकिन कहा कहा जा रहा कार्ड का यूज करते वक्त ऐसे मर्चंट्स को पेमेंट किए जा रहे थे, जिनकी केवाईसी तक नहीं हुई है।
आरबीआई को कुछ बड़े ट्रांजेक्शंस पर फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग का शक भी था। सनद रहे बैंक की ओर से कॉरपोरेट्स को कमर्शियल कार्ड ऑफर किए जाते हैं। आमतौर पर, आईएमपीएस और आरटीजीएस जैसे बैंकिंग चैनलों का उपयोग कॉर्पोरेट्स द्वारा विक्रेताओं को भुगतान करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा बिजली और किराये का बिल भी चुकाया जाता है। फिनटेक के प्रवेश के कारण पिछले कुछ वर्षों में कई प्रकार की दिक्कते हुई हैं।
ऐसे में आरबीआई की ओर से यह कार्रवाई की गई है। रिजर्व बैंक की ओर से वीजा, एमेक्स, मास्टर कार्ड, एमेक्स को नोटिस जारी किया गया है। यह रोक केवाईसी की अनदेखी के चलते लगाई गई है। कमर्शियल कार्ड के माध्यम से भुगतान कॉर्पोरेट्स को पुरस्कार, क्रेडिट चक्र जैसे लाभ प्रदान करता है। कमर्शियल कार्ड भुगतान में, बीपीएसपी हैं जो बड़ी कंपनियों और छोटे विक्रेताओं के बीच एक पुल की तरह काम करते हैं। इसे बिजनेस पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कहा जाता है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि यह देखा गया है कि इन कमर्शियल कार्डों के माध्यम से उन विक्रेताओं को भुगतान किया जा रहा है जो आरबीआई दिशानिर्देशों के अनुसार भुगतान प्राप्त करने के लिए ऑथराइज्ड नहीं हैं। ऐसे में अगर यह लेनदेन पूरा हो जाता है तो यह भुगतान और निपटान अधिनियम 2007 का उल्लंघन करता है।