अर्चना कुमारी। साल 1991 में कनॉट प्लेस के एक इमारत में निवेश के नाम पर एक निजी कंपनी और उसके प्रवर्तकों के साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी और जालसाजी करने के मामले में रियल इस्टेट कारोबारी गोपाल अंसल के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। यह आदेश पटियाला हाउस कोर्ट मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट यशदीप चहल ने दिया है।
कोर्ट 1 जून को गोपाल अंसल के खिलाफ आधिकारिक रूप से आरोप तय करेगा। हालांकि अदालत ने कनॉट प्लेस में स्टेट्समैन हाउस नाम की इमारत का निर्माण करने वाली आरोपी कंपनी अंसल प्रॉपर्टीज के निदेशक सुशील अंसल को मामले में यह कहते हुए आरोप मुक्त कर दिया है कि रिकॉर्ड में उनके खिलाफ उपलब्ध सामग्री अपर्याप्त है।
कोर्ट ने कहा कि सुशील अंसल के खिलाफ सभी निदेशकों की संलिप्तता के बिना धोखाधड़ी संभव नहीं होने के बयान के अलावा उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए रिकॉर्ड में कुछ भी नहीं है।शिकायकर्ता कंपनी सचदेवा एंड सन्स इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड ने साल 1991 में स्टेट्समैन हाउस में निवेश किया था, जिसका निर्माण अंसल प्रॉपर्टीज कृष्ण बख्शी के माध्यम से कर रही थी।
बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि रसीदें केवल बख्शी के नाम पर जारी की गई थीं और वो भी परियोजना में शामिल महज एक फ्लैट के भुगतान के लिए।शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने शिकायतकर्ता से पैसे ऐंठने के लिए धोखा देने की साजिश रची और उस राशि को पूरी तरह से बख्शी के नाम पर एक फ्लैट बुक करने में इस्तेमाल किया।