अर्चना कुमारी। हरियाणा के कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव के बीच राज्य के महेंद्रगढ, रेवाड़ी और झज्जर जिलों में कुछ पंचायत प्रमुखों द्वारा कथित तौर पर अपने गांवों में मुस्लिम व्यापारियों पर ’प्रतिबंध’ लगाने के लिए लिखे गए पत्र ऑनलाइन सामने आए हैं। हाल के दिनों में इन जिलों के कुछ सरपंचों द्वारा कथित तौर पर लिखे गए लगभग एक जैसे पत्रों में 31 जुलाई को नूंह जिले में हुईं हिंसा का हवाला दिया गया है जिसमें भीड़ ने शोभायात्रा पर हमला किया था।
अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने ऑनलाइन सामने आए पत्रों का संज्ञान लिया है और मामले की जांच की जा रही है। कुछ गांवों के संरपचों द्वारा कथित रूप से लिखे गए इन पत्रों में कहा गया है कि पंचायतों ने मुस्लिम समुदाय और शरारती तत्वों को कोई भी व्यवसाय करने की अनुमति’ न देने का फैसला किया है।
पत्रों में विशेष तौर पर फेरीवालों, पशु व्यापारियों और भीख मांगने वालों का जिक्र किया गया है। हालाँकि, जब संपर्क किया गया, तो महेंद्रगढ और रेवाड़ी के कई सरपंचों ने किसी विशेष समुदाय को लेकर ऐसा कोई पत्र जारी करने की बात से इनकार किया। महेंद्रगढ की उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि सरकारी अधिकारियों के समक्ष ऐसा कोई पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है।
‘सोशल मीडिया शायद यह दावा कर रहा है कि इन्हें (गांव के सरपंचों द्वारा) संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट को सौंपा गया है। जहां तक पता है, आज तक ऐसा कोई मामला एसडीएम के पास नहीं आया है। इसलिए, किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को किसी भी सरपंच द्वारा ऐसा कुछ भी नहीं सौंपा गया है।’’ उन्होंने कहा, ’हालांकि, मीडिया में जो चल रहा है, हमने उसका स्वत: संज्ञान लिया है और मामले की जांच कर रहे हैं।’