अर्चना कुमारी। पिछले दो साल से किसी तरह से संसद के भीतर घुसने की प्लानिंग सारे आरोपी कर रहे थे। सभी आरोपियों की माली हालत ठीक नहीं थी। ऐसे में आशंका है कि किसी संस्था या व्यक्ति के द्वारा आरोपियों को फंडिग किया गया । हालांकि इससे आरोपियों ने इंकार किया लेकिन पुलिस टीमे इनके आर्थिक श्रोत्र जानने में जुटी हुई है।
इसके अलावा सभी आरोपियों के सोशल मीडिया एकाउंट की भी जांच की जा रहीं है। छानबीन में पता चला कि सभी देश का ध्यान अपनी ओर खींचना चाहते थे। वह सरकार से भी नाराज थे और किसी तरह संसद के भीतर घुसकर अराजकता फैलाना चाहते थे। इसके लिए इनका ब्रेनवाश किया गया था। जांच टीम ने कई आरोपियों के फेसबुक व इंस्टाग्राम एकाउंट को डिकोड कर लिया है और इनके एकाउंट खंगाले जाने के बाद पता चला कि सभी क्रांति के नाम पर एक दूसरे को भड़काने में जुटे थे।
लेकिन ललित के अलावा कोई और ब्रेन वॉश में शामिल था या नहीं । इसकी भी जांच की जा रही है। सोशल मीडिया पर सभी सक्रिय थे और क्रांतिकारियों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर सरकार विरोधी वीडियो बनाते थे। पूरी योजना का मास्टरमाइंड ललित था और उसने इस बात को स्वीकार है। उसने बताया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के लिए कुल तीन प्लान बनाए गए थे और इसी प्लान के तहत संसद के बाहर भी प्रदशर्न करना शामिल था।
ललित झा अपने साथियों के साथ ऐसा कुछ करना चाहता था। जिससे की देश में एक बड़ा मैसेज जाए और पूरे देश का ध्यान उनकी ओर खींच जाए। पूछताछ में ये भी पता चला है कि संसद में घुसने से लेकर अन्य कई अहम जानकारियां गूगल पर सर्च करके जुटाई थीं जबकि आरोपियों ने संसद की सुरक्षा से जुड़े पुराने वीडियो भी देखे थे।