अर्चना कुमारी। ललित झा ने 28 अक्टूबर को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि भारत को बस एक बम चाहिए। इस तरह के उसने कई और भड़काउ पोस्ट किए है। ललित ने लिखा है कि भारत में फैली अराजकता, अन्याय और अत्याचार के खिलाफ जंग में विजय हासिल करने के लिए बम की जरूरत है।
पांच नवम्बर के एक अन्य पोस्ट में उसने लिखा है कि रोजी रोटी और हक की बाते करना गलत नहीं है , भले ही उसे वामपंथी कहा जाए।लेकिन इस तरह के सोशल मीडिया पोस्ट के पीछे उसकी क्या मंशा थी। इसकी जांच में सुरक्षा एजेंसी लगी हुई है। इसी तरह के विचार सागर शर्मा ने भी अपने डायरी में भी जिक्र किया है।
आशंका है कि सभी आरोपी देश का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए इस तरह की घटना को अंजाम दिया था। उन लोगों की विभिन्न मुदद्दे पर केन्द्र सरकार से भी गहरी नाराजगी थी। इसलिए उनलोगों ने सोशल मीडिया के सहारे एक दूसरे से जुड़े और सोची समझी साजिश के तहत इस तरह के कृत्य को अंजाम दिया। ललित जहां रहता था।
वहां के पड़ोसियों ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि वह स्थानीय बच्चों को पढ़ाया करता था। ललित स्वभाव से काफी शांत है लेकिन पूर्व से ही उसकी सरकार के प्रति गहरी नाराजगी थी। मूल तौर पर बिहार के रहने वाले ललित झा कोलकाता में बच्चों को पढ़ाता रहा है जबकि उसके पिता पुरोहित का काम करते थे।
दरभंगा जिला के अलीनगर प्रखंड अंतर्गत रामपुर उदय गांव निवासी ललित झा के पिता देवानंद झा का कहना है कि मुझे अपने बेटे की गिरफ्तारी के बारे में अन्य लोगों के माध्यम से जानकारी मिली। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है और उनकी बातों से सहमति जताते हुए ललित की मां मंजुला ने कहा है कि मेरा बच्चा बदमाश नहीं है और वह गलत कामों में शामिल नहीं हो सकता। जबकि वह हमेशा लोगों की मदद करता रहा है। उसने पुलिस प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाई।