आईएसडी नेटवर्क। (पॉलिटिकल डेस्क ) हिन्दू फायरब्रांड नेत्री और सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपना टिकट कटने के बाद तेवर दिखा दिए हैं। गत शनिवार को भाजपा के उम्मीदवारों की पहली सूची में प्रज्ञा सिंह का नाम नहीं था। इसके बाद प्रज्ञा सिंह ने सामने आकर बयान दिया है। मध्यप्रदेश में भाजपा ने टिकट वितरण में सख्ती दिखाते हुए छह सांसदों के टिकट काट दिए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट काटकर पूर्व महापौर आलोक शर्मा को टिकट दिया है।
आलाकमान ने मध्यप्रदेश में छह सांसदों के टिकट काटे। इनमे से एक भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी हैं। टिकट काटे जाने के बाद भोपाल सांसद की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। प्रज्ञा सिंह ने रविवार को मीडिया के साथ बातचीत की। उन्होंने खुलकर अपने भीतर का दर्द बयान किया। प्रज्ञा ने कहा ‘मैंने पहले भी टिकट नहीं मांगा था और न अब मांग रही हूँ। हो सकता है मेरे पुराने बयानों में मेरी ओर से प्रयोग किये गए कुछ शब्द प्रधानमंत्री मोदी को पसंद न आए हो।’
आगे प्रज्ञा ने कहा कि ‘उन्होंने जाहिर भी किया था कि मुझे माफ़ नहीं किया जाएगा। हालाँकि मैं पहले ही उनसे माफ़ी मांग चुकी हूँ।’ बातचीत में उन्होंने पार्टी के निर्णय को स्वीकार करने की बात भी कही। प्रज्ञा ने कहा ‘मैं जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ी थी, उन मुद्दों पर पूरे भोपाल ने मुझे समर्थन दिया है।’ उन्होंने कहा कि वे ऐसी किसी प्रकार की याचना नहीं करेंगी, जिससे उनका व्यक्तिगत स्वार्थ झलकता हो।
2019 के लोकसभा चुनाव के आखिरी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रज्ञा के बयान पर कहा था कि गांधी जी पर बोलने वालों को मैं कभी क्षमा नहीं करूंगा। इसके बाद से ही प्रज्ञा सिंह भारतीय जनता पार्टी के अंदर अलग-थलग चल रहीं थीं। मध्यप्रदेश में उनके अलावा गुना-शिवपुरी के सांसद केपी यादव, विदिशा के सांसद रमाकांत भार्गव, ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर, सागर से सांसद राजबहादुर सिंह, रतलाम सांसद गुमान डामोर का टिकट काट दिया गया है। भाजपा की नई सूची आने के बाद राजनीति छोड़ने और पद त्यागने की एक लहर चल पड़ी है। भाजपा में असंतुष्ट बढ़ते जा रहे हैं।