अर्चना कुमारी। यूपी के कानपुर में हिंदू देवी देवता का गाली देने का विरोध करना एक ब्राह्मण परिवार के लिए मुसीवत बन गया। एससी एसटी एक्ट में ब्राह्मण को बंद किया गया। पति की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उस ब्राह्मण व्यक्ति की पत्नी की मृत्यु हो गई। कृष्ण किशोर दुबे उर्फ किन्नर दुबे को एससी एसटी एक्ट में गिरफ्तार कर लिया गया था और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया गया।
एक बौद्ध कथा में अंबेडकरवादियों को श्री राम और हिंदू देवताओं को गाली देने से रोकने के लिए इस ब्राह्मण को गिरफ्तार किया गया था। उसके दो छोटे बच्चे है। बताया जाता है बौद्ध कथा के दौरान कथित तौर पर हिंदू देवताओं को अपमानित किया जा रहा था। इस दौरान जब कुछ हिंदुओं ने विरोध किया, तो बौद्ध कथा के आयोजक ने आठ ब्राह्मणों पर कठोर एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवा दिया। इनमे किन्नर दुबे भी शामिल थे।
आरोपी किन्नर दुबे की जमानत के लिए अदालत में मामला चला, लेकिन न्यायाधीश ने खारिज कर दिया, क्योंकि एससी/एसटी एक्ट में जमानत का कोई प्रावधान नहीं है। अदालत में मौजूद दुबे की पत्नी इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सकीं और हृदय गति रुकने से उनकी मृत्यु हो गई।
उनके बच्चे अब अनाथ हैं और कौन इसे इंसाफ दिलाएगा। ज्ञात हो कानपुर के घाटमपुर में पिछले साल 18 दिसंबर की आधी रात पहेवा गांव में आंबेडकर-बुद्ध कथा बवाल हुआ था। मामले में जेल भेजे गए नामजद आरोपी किन्नर दुबे की पत्नी को शुक्रवार को हार्ट-अटैक आ गया। परिजन आनन फानन कार्डियोलॉजी लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शनिवार को पत्नी के अंतिम संस्कार में आरोपी किन्नर दुबे शामिल नहीं हो सका।
साढ़ थाना क्षेत्र की भीतरगांव पुलिस चौकी के पहेवा गांव में 18 दिसम्बर की रात आंबेडकर बुद्ध ज्ञान कथा बवाल में नामजद आरोपी किन्नर दुबे को जेल भेज चुकी है। शुक्रवार को माती कोर्ट में किन्नर दुबे समेत सभी आरोपियों की सुनवाई चल रही थी। पति की गिरफ्तारी के बाद से कानपुर मायके में रह रही आरोपी किन्नर दुबे की पत्नी वंदना (46) को हार्ट अटैक आ गया। उसे आनन फानन कानपुर कार्डियोलॉजी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने वंदना को मृत घोषित कर दिया। शनिवार को पत्नी वंदना के अंतिम संस्कार के दौरान जेल में बंद पति किन्नर दुबे शामिल नहीं हो सका।
इस बीच 18 दिसंबर की रात अंबेडकर बुद्ध ज्ञान कथा में बवाल के बाद सुर्खियों में आए पहेवा गांव की गतिविधियों पर पुलिस उच्चाधिकारी लगातार मानीटरिंग कर रहे हैं। एकाएक जातीय तनाव होने से गांव में दलित और सवर्णों में विवाद है। जिसको देखते हुए बवाल के बाद लगातार दो प्लाटून पीएसी के साथ तकरीबन आधा सैकड़ा पुलिस बल दिन-रात गलियों में गस्त करते रहते हैं। अब गांव में अस्थाई पुलिस चौकी भी बनाई जा रही है।
साढ़ प्रभारी निरीक्षक सतीशचंद्र राठौर ने बताया गांव किनारे पुराने पंचायत भवन की बिल्डिंग की मरम्मत कराकर दो कमरे तैयार कर लिए गए हैं। शौचालय और बाउंड्री निर्माण के साथ पेयजल हेतु बोरिंग आदि कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ही उच्च अधिकारियों द्वारा दो दरोगा, एक दीवान और आधा दर्जन कांस्टेबल तैनात होंगे।