रिपब्लिक मीडिया द्वारा महाराष्ट्र सरकार की करतूतों को उजागर करना ‘सोनिया सेना’ की सरकार को पच नहीं रहा है। चाहे पालघर में संतों को पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला हो या फिर एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमई मौत को लेकर सच का खुलासा किया जाना हो। महाराष्ट्र सरकार इस तरह के मामलों को प्रमुखता से उद्घाटित किए जाने से बेहद परेशान है।यही वजह है कि राष्ट्रवादी सोच से ओतप्रोत अर्णव गोस्वामी को घेरने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुलिस के जरिए टीआरपी का खेल खेला, लेकिन उप्र की योगी सरकार ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करके उनकी चाल को मात दे दी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ TRP हेरफेर के आरोपों की जांच करने के लिए एक मामला दर्ज किया है। जबकि प्राथमिकी मूल रूप से एक विज्ञापन कंपनी के प्रमोटर की शिकायत के आधार पर लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले को CBI को सौंपने की सिफारिश की है। सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि भुगतान के बदले TRP में हेरफेर किया जाता है जबकि इसी तरह के आरोप मुंबई पुलिस ने 3 चैनलों पर लगाए थे।
सूत्र बताते हैं कि इस मामले को लेकर CBI का हस्तक्षेप जरूरी था क्योंकि जांच में कई राज्यों के अधिकार क्षेत्र शामिल थे। एजेंसी की स्पेशल क्राइम ब्रांच इस मामले से निपटेगी और इसके अधिकारी लखनऊ के लिए रवाना हो गए है।
दरअसल इस विवाद की शुरुआत 8 अक्टूबर को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने की थी। उन्होंने रिपब्लिक टीवी और दो अन्य चैनलों पर दर्शकों को लंबे समय तक अपने चैनल पर रखने के लिए भुगतान करके TRP में हेराफेरी करने का आरोप लगाया था। लेकिन 6 अक्टूबर, 2020 को दर्ज की गई FIR में कही भी रिपब्लिक टीवी, रिपब्लिक भारत, रिपब्लिक वर्ल्ड या रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के किसी भी सहयोगी का कोई जिक्र नहीं किया गया था। इसके अलावा, BARC द्वारा एक ऑडिट जांच से पुष्टि हुई कि 5 परिवारों को वाकई नवंबर 2019 से मई 2020 तक न्यूनतम दो घंटे रोजाना इंडिया टुडे देखने के लिए रिश्वत दी गई थी।
हैरानी की बात यह है परमवीर सिंह अरनव गोस्वामी तथा उनके चैनल का तो नाम लिया लेकिन इंडिया टुडे ग्रुप का जिक्र करना मुनासिब नहीं समझा। सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को लेकर मीडिया में परमबीर सिंह के बयानों को लेकर चिंता जताई ।
सोमवार को जस्टिस एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की बॉम्बे हाईकोर्ट बेंच के समक्ष, महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि FIR में रिपब्लिक का नाम नहीं लिया गया है। सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट को ये भी पता चला कि अर्नब गोस्वामी मामले में आरोपी नहीं हैं। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क ने मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर नुकसान के रूप में 200 करोड़ रुपये का मुकदमा करने का फैसला किया।
इसमें अर्नब गोस्वामी और रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क की प्रतिष्ठा को हुए नुकसान के कारण प्रत्येक के लिए 100 करोड़ रुपये शामिल है। इसके अलावा, रिपब्लिक एसीपी सुधीर जंबावडेकर के खिलाफ एक अवमानना याचिका दायर करेगा, जिन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश से निलंबित FIR के संबंध में कार्यवाही शुरू की थी।
यह साबित हो चुका है कि महाराष्ट्र सरकार रिपब्लिक भारत के खिलाफ तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है और इसका खुलासा रिपब्लिक भारत ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के स्टिंग के द्वारा भी किया है। आपको ज्ञात होगा कि पिछले कई महीनों से रिपब्लिक टीवी और महाराष्ट्र सरकार के बीच खींचतान चल रही है और रिपब्लिक भारत महाराष्ट्र सरकार की कुकर्मों को लेकर परत दर परत बखिया उधेड़ रखी है।
महाराष्ट्र के मंत्री स्टिंग ऑपरेशन में यह कहते दिखाई देते हैं कि अर्नब गोस्वामी आत्महत्या कर लेगा । इससे पता चला है कि रिपब्लिक भारत और अर्नब गोस्वामी के खिलाफ बड़ी साजिश रची जा रही है। इसकी जड़ें काफी मजबूत हैं। प्रत्यक्ष तौर पर उद्धव ठाकरे के देखरेख में अर्णव गोस्वामी को फंसाने की साजिश रची गई है जिसमें कांग्रेस समेत कई न्यूज चैनलों के मालिक शामिल है।
यही घबराहट है कि महाराष्ट्र के मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक स्टिंग ऑपरेशन में कहते हैं, मैं साफ़ कह दे रहा हूँ अर्नब फंसेगा, उन्होंने कहा, मैं क्लियर कट बोलता हूँ.वो फंस जाएगा। नवाब मलिक ने कहा कि अभी टीआरपी केस में अर्नब और रिपब्लिक का नाम आया है। अर्नब को बहुत सारी परेशानियां झेलनी पड़ेगी, कई झंझटों से गुजरना होगा।
मुझे डर है कहीं वो फोबिया जोन में न चला जाए, ये पागलपन है, पागलपन फोबिया में बदल सकता है। इससे पहले स्टिंग ऑप्रेशन में कांग्रेस नेता राघवेंद्र शुक्ला ने कहा था कि अर्नब गोस्वामी को उनके स्वभाव के कारण टारगेट किया जा रहा है। वह कहते हैं कि अर्नब किसी को कुछ भी समझने की कोशिश नहीं करते। वह आज सीएम हैं। कुछ तो काबिलियत होगी कि वह मुख्यमंत्री बने। इसके बाद रिपब्लिक भारत के ख़िलाफ़ रणनीति का खुलासा करते हुए शुक्ला कहते हैं कि रिपब्लिक टीवी प्रतिबंधित तो होगा।
यह ध्यान रखना आवश्यक है कि अभी कुछ दिन पहले, एक अन्य स्टिंग में एक कांग्रेसी नेता ने खुलासा किया था कि महाराष्ट्र सरकार, विशेष रूप से सीएम उद्धव ठाकरे रिपब्लिक टीवी और अर्नब से परेशान है और एक शीर्ष आईएएस और आईपीएस अधिकारी के साथ एक टीम बनाई गई है ताकि रास्ते का पता लगाया जा सके रिपब्लिक टीवी को नीचे लाने के लिए।
कांग्रेस नेता ने यह भी खुलासा किया था कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार इस सब के पीछे हैं। चाहे जो भी हो महाराष्ट्र सरकार हत्या- आत्महत्या की राजनीति करके बहुत ज्यादा दिनों तक सच छिपा नहीं सकती। संतो को पीट-पीटकर मार देने का मामला हो या फिर एक्टर सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सल्यान की रहस्यमई मौत का मामला आखिर में सच उजागर होकर रहेगा।
सच को दिखाने में अर्णव गोस्वामी के खिलाफ चाहे लाख साजिश कर ली जाए लेकिन वह बेदाग होकर निकल ही जाएगा और महाराष्ट्र सरकार की तमाम करतूतों का भी एक दिन पर्दाफाश हो जाएगा।
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