अर्चना कुमारी
किसान आंदोलन के चलते सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन में दो फ़ाड़ हो गया। बार एसोसिएशन के 161 वकीलों ने अध्यक्ष अदीश सी अग्रवाल को पद से हटाने की मांग की। दरअसल सारे वकील संघ के अध्यक्ष अग्रवाल के खत से खफा हैं। खत में उन्होंने चीफ जस्टिस से किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने को कहा था।
किसान आंदोलन के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वकील दो धड़ों में बंटते उस वक्त नजर आए जब सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के 161 सदस्यों ने अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल को पद से हटाए जाने की मांग कर डाली है। इन वकीलों ने उस पत्र पर हस्ताक्षर किए जिसमें अध्यक्ष को पद से हटाए जाने के लिए जनरल बॉडी की मीटिंग बुलाने की बात की गई है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने मुख्य न्यायधीश को एक पत्र लिख किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेने की बात मांग की थी।इस पर
बार एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है कि वह लेटरहेड का उपयोग करके ऐसा पत्र लिखें। इन वकीलों के जरिए जारी किए गए पत्र में लिखा है, हम सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य जनरल बॉडी से तत्काल बैठक बुलाने की मांग करते हैं।
जिसमें अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव पास हो। वकीलों का यह कदम अध्यक्ष अग्रवाल द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को किसानों के विरोध के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने के लिए लेटर लिखे जाने के बाद आया है। आदिश सी अग्रवाल ने लेटर में लिखा था कि इससे पहले 2021 और 2022 में हुए विरोध प्रदर्शनों से दिल्ली के लोगों को मुश्किलें हुई थी। आम लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे थे, रास्ता रोकने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को कार्रवाई करने को लेकर यह लेटर लिखा गया था।
इसके अलावा आदिश अग्रवाल ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक आंदोलन बताया था। अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा, सरकार के समाधान को स्वीकार न करके, किसान दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए समस्याएं पैदा कर रहे हैं।