‘मन की बात’ कार्यक्रम की लोकप्रियता चरम पर, तथाकथित बुद्धिजीवी का कुतर्क देखिए!
तथ्य अगर तार्किक हो तो लोगों की जुबां पर चढ़ ही जाता है क्योंकि आंकड़ों के साथ पेश किए गए तर्क को झुठलाया नहीं जा सकता। लेकिन कुतर्क के लिए आंकड़ों की जरूरत नहीं...
तथ्य अगर तार्किक हो तो लोगों की जुबां पर चढ़ ही जाता है क्योंकि आंकड़ों के साथ पेश किए गए तर्क को झुठलाया नहीं जा सकता। लेकिन कुतर्क के लिए आंकड़ों की जरूरत नहीं...