अर्चना कुमारी। संसद सुरक्षा में सेंध लगाने एवं साजिश रचने के आरोपी नीलम आजाद ने इस मामले की प्राथमिकी प्रति देने को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया । उन्होंने प्राथमिकी की प्रति दिए जाने को अपना अधिकार बताई हैं। वहीं पुलिस ने इसकी प्रति देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि यह बहुत गंभीर मामला है, जिसकी जांच अभी संगीनता से की जा रही है।
पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने दोनों पक्षों को सुनने केबाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर 19 दिसंबर को अपना आदेश पारित करेंगी।
दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि यह गंभीर मामला है, जो आतंकवाद से जुडा है। इसलिए इसकी निजता बनाए रखना बहुत जरूरी है। उसने कहा कि आरोपियों ने प्राथमिकी की प्रति के लिए संबंधित डीसीपी के समक्ष कोई आवेदन नहीं किया है। इसलिए प्राथमिकी की प्रति की मांग वाली अर्जी खारिज कर दिया जाए।
नीलम के वकील ने कहा कि जांच अधिकरी से हमने प्राथमिकी की प्रति मांगी थी। उन्होंने ने ही इसके लिए अदालत में अर्जी दाखिल करने को कहा था। उन्होंने कहा कि पुलिस किसी को भी प्राथमिकी की प्रति देने से इनकार नहीं कर सकता, क्योंकि आरोपी का यह अधिकार है। उसके परिवार वालों को यह जानने का अधिकार है कि उसके खिलाफ क्या सब आरोप लगाए गए हैं। परिवारवालों को सिर्फ इतना बताया गया है कि उसकी बेटी को गिरफ्तार कर लिया गया है। नीलम के ऊपर क्या आरोप लगा है उनको बस इतना बता ही कि नीलम गिरफ्तार हुई है।