अर्चना कुमारी । देश की राजधानी में सुल्तानपुरी से लेकर कंझावला तक कथित तौर पर कार से युवती के घसीटे जाने के मामले में दिल्ली पुलिस की लापरवाही खुलकर सामने आई । पुलिस बिना जांच के यह साबित करने में जुटी रही कि मामला महज एक सड़क हादसा है लेकिन लड़की के निर्वस्त्र हालत में बरामद किए जाने के बाद परिजनों ने आशंका प्रकट की है कि मामला बलात्कार के बाद हत्या का हो सकता है।
अंजलि नामक लड़की 20 साल की थी और अमन विहार में रहती थी। परिवार में मां, दो भाई और चार बहने हैं। वह अकेली कमाने वाली थी और एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में काम करती थी। न्यू ईयर पर एक इवेंट में काम के लिए घर से निकली थी। शनिवार-रविवार की रात वह एक फंक्शन से लौट रही थी। वह स्कूटी से अपने घर जा रही थी। उसी दौरान आरोपी पांचों युवक भी अपनी कार बलेनो से उसी रास्ते पर थे। अब आरोपियों ने उसे किडनैप -रेप करने के बाद हत्या कर दिया या फिर यह एक सिर्फ हादसा था । इसको लेकर मामले में पुलिस को गहन जांच करने की जरूरत थी लेकिन पुलिस ने इसे आनन-फानन में सड़क हादसा बता दिया। पुलिस के इस बयान के बाद मृतका के परिजन पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं, कहा- निर्भया जैसा केस हुआ और पुलिस आरोपियों को बचाने में लगी हुई है। इसी वजह से उन लोगों ने सुल्तानपुरी थाने का घेराव किया और सड़क जाम किया। परिवार ने कहा- यह रेप के बाद मर्डर का मामला है।
उसके कपड़े ऐसे ही नहीं फट सकते है। जब वह मिली, उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। हम चाहते हैं कि इस मामले की पूरी जांच हो। मृतक लड़की के मामा प्रेम सिंह ने कहा कि यह केस निर्भया जैसा है। हम न्याय चाहते हैं। इस मामले में निष्पक्ष जांच हो। युवती की मां ने कहा- मेरी बेटी मेरे लिए सब कुछ थी। वह कल पंजाबी बाग में काम करने गई थी। वह शाम करीब साढ़े पांच बजे घर से निकली और कहा कि वह रात 10 बजे तक लौट आएगी। मुझे सुबह उसकी दुर्घटना के बारे में बताया गया, लेकिन अब तक मैंने उसका शव नहीं देखा। इस घटना को लेकर आनन-फानन में दिनभर पुलिस यह दावा करती रही यह घटना एक सड़क हादसा है जबकि दिल्ली पुलिस को जांच पूरी की जाने तक मामले को एक्सीडेंट नहीं बताना चाहिए लेकिन पुलिस ने आरोपियों की बचाने के चक्कर में गलती कर बैठी ।
इसको लेकर आम आदमी पार्टी हमलावर है तथा आम आदमी पार्टी के हमलावर होने के बाद होम मिनिस्ट्री से लेकर उपराज्यपाल तक हरकत में आई और अब दिल्ली पुलिस आयुक्त ने उचित जांच का भरोसा दिलाया है। सूत्रों का दावा है कि पुलिस की तरफ से डीसीपी आउटर जिला हरेंद्र सिंह का क्लीन चिट वाला बयान इस वजह से आया क्योंकि आरोपियों में एक कथित तौर पर भाजपाई था। मंगोलपुरी इलाके में जगह-जगह एक बोर्ड चिपका है जिसमें लिखा है मनोज मित्तल वार्ड नंबर 42 का सहसंयोजक है। वह राशन का डीलर है और इलाके में उसकी रसूख है। भले ही भारतीय जनता पार्टी उसके पार्टी में होने या ना होने के बारे में खंडन करके उसे कार्यकर्ता मानने से इनकार कर दे लेकिन वह कथित भाजपाई रहा है।
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जब आम आदमी पार्टी को इस बारे में जानकारी हुई तो उसने इसको मुद्दा बना लिया इस घटना के बाद सोमवार को आम आदमी पार्टी ने राजनिवास का घेराव किया और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर हमला बोला । आप के वरिष्ठ नेता व ग्रेटर कैलाश के विधायक सौरभ भारद्वाज ने एक पेड़ से पुलिस और भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि नए साल पर लड़की को सड़क पर घसीटकर मारने वाला भाजपा का नेता है। इस वजह से मामले पर एलजी और दिल्ली पुलिस लीपापोती कर रही है। आप पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज का कहना था कि सुल्तानपुरी थाने में बंद दरिंदा मनोज मित्तल भाजपा का नेता और मंगोलपुरी वार्ड 42 मंडल का सह-संयोजक है।
भाजपा के नेता 12 किमी गाड़ी में लाश फंसाकर चलते रहे और पुलिस कह रही है कि तेज म्यूजिक की वजह से पता नहीं चला। भाजपा की गाड़ी का पीछा करते हुए चश्मदीद गवाह ने दिल्ली पुलिस को 22 कॉल किए और तीन पीसीआर मिलीं पर किसी ने नहीं रोका। उन्होंने कहा कि साल 2023 की शुरूआत दिल्ली के अंदर एक बहुत दुखद घटना से हुई है। एक सामान्य प्रोटोकॉल है कि नए साल के जश्न के दिन और आधी रात और उसके बाद तक सड़कों पर लोग मौजूद होते हैं।
पुलिस की ओर से जगह-जगह बैरिकेडिंग लगना एक सामान्य प्रोटोकॉल है। ऐसी रात को दिल्ली पुलिस को सुबह करीब तीन बजकर 22 मिनट पर एक हलवाई की दुकान पर काम करने वाला दुकानदार फोन करके बताता है कि साहब ग्रे कलर की एक बोलेरो गाड़ी जा रही है, जिसमें नग्न अवस्था में एक लड़की फंसी हुई है। वह गाड़ी 20 से 30 की स्पीड में चल रही है, इसे आप देखें। जब दिल्ली पुलिस को 4 बजकर 11 बजे पर कॉल आती है कि एक जगह पर लड़की की नग्न अवस्था में लाश पड़ी है। तब पुलिस उस लाश को बरामद करने पहुंचती है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर आपकी गाड़ी में एक छोटा-सा पॉलिथीन भी फंस जाए तो गाड़ी खर-खर की आवाज करती है। जब तक गाड़ी रोकोगे नहीं, तक तब आपको खुद इरिटेशन होती है कि गाड़ी में क्या फंस गया।
जबकि इस मामले में गाड़ी में एक लाश फंसी हुई है, 12 किमी तक वो लाश को घसीटते हुए ले जा रहे हैं और गाड़ी में बैठे पाचों आरोपियों को पता ही नहीं चला। इससे पता चलता है कि पुलिस किस तरह लापरवाह है और यह सब भाजपा नेता को बचाने के लिए किया गया। कांड में जो 5 आरोपी हैं, उनमें एक बीजेपीनेता है जिसका नाम मनोज मित्तल और वह गाड़ी में मौजूद था। वारदात के समय मनोज मित्तल गाड़ी में ही मौजूद था और घटना का वीडियो जो वायरल हो रहा है उससे पुष्टि की गई है। यह कोई पहला मामला नहीं है जब कथित तौर पर भाजपाई इस तरह के कांड को लेकर पकड़ा गया इससे पहले उत्तराखंड में अंकिता की मौत के लिए जिम्मेदार भी भाजपाई था ।
उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य के पिता और पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य के खिलाफ उनके ड्राइवर ने जहां उनके खिलाफ कुकर्म का मामला दर्ज कराया तो उनके बेटे पुलकित आर्या अपने रिजॉर्ट के रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या का वह मुख आरोपी है । गौरतलब है कि ऋषिकेश के वनंतरा रिसॉर्ट में अंकिता रिसेप्शनिस्ट के तौर पर काम करती थी। यह रिसॉर्ट पुलकित का था।
पुलकित ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर 18 सितंबर को अंकिता की हत्या कर दी थी। इस मामले में तीनों आरोपी फिलहाल जेल में हैं। दिल्ली में लड़की की मौत ने दिल्ली पुलिस ही नहीं कि केंद्र सरकार के मुंह पर तमाचा मारा है क्योंकि पुलिस उसी के तहत आती है। तभी तो उपराज्यपाल भी ट्वीट करके कहते हैं इस घटना को सुनकर मेरा सिर शर्म से झुक गया है,ऐसी राक्षसी असंवेदना देखकर मैं स्तब्ध हूं.