दिल्ली में बंद पूरी तरह से फ्लॉप रहा लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का ड्रामा दिनभर चलता रहा। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर में ही नजरबंद करने के आरोप लगाए तो दिल्ली पुलिस ने इसका खंडन किया। आप कार्यकर्ता आरोप लगा रहे थे कि सोमवार को सिंघु बार्डर से लौटने के बाद से ही मुख्यमंत्री को घर में नजरबंद कर दिया जबकि मुख्यमंत्री उसी रात एक शादी समारोह में शिरकत करते हुए कैमरे में कैद हुए ।
आम आदमी पार्टी का कहना था कि मुख्यमंत्री को ना किसी से मिलने दिया जा रहा है और न ही मुख्यमंत्री कहीं जा पा रहे हैं। इस पर दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त लॉ एंड ऑर्डर सतीश गोलचा ने इसका खंडन करते हुए सफाई पेश किया कि पुलिस पर लगे आरोप बुनियाद हैं। मुख्यमंत्री को नजरबंद नहीं किया गया है। लॉ एंड ऑर्डर की वजह से मुख्यमंत्री आवास के इर्द गिर्द बैरिकेडिंग की गई। मुख्यमंत्री कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र हैं। सोशल मीडिया पर जानबूझकर भ्रम पैदा कर माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है।
इस बीच अफवाह फैलाने पर विफल होने के बाद आम आदमी पार्टी के कई विधायक और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पुलिस से उलझते हुए दिखाई दिए । आप कार्यकर्ताओं का कहना था कि लॉ एंड आर्डर के बहाने पुलिस ने जानबूझकर सीएम को नजरबंद कर दिया है। जबकि इस बात पर पुलिस अधिकारी सीएम आवास के बाहर मौजूद विधायकों से लोगों को गुमराह न करने के लिए कहते रहे। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया उत्तरी जिले के पुलिस उपायुक्त से पूछते रहे कि किसके आदेश पर सीएम आवास की सुरक्षा बढ़ाई गई है।
इस बात पर पुलिस उपायुक्त अंटो अल्फोंस ने कहा कि सुरक्षा कारणों से ऐसा किया गया है जबकि उन्होंने मनीष सिसोदिया को सफाई देते हुए कहा कि किसी को मुख्यमंत्री से मिलने से नहीं रोका जा रहा है, जिसे उनसे मिलना हैैं वह उनको सीएम आवास तक लेकर चलने के लिए तैयार हैं। पुलिस देर शाम तक आम आदमी पार्टी के आरोपों को गलत बताती रही। वैसे नए कृषि कानून के विरोध मे तथाकथित किसानों द्वारा भारत बंद का असर दिल्ली में ना के बराबर देखने को मिला। आम दिनों की भांति दिल्ली के सभी बडे बाजार खुले रहे, वहीं सडकों पर चहलकदमी भी देखी गई।
इन सबके बावजूद किसान बार्डर पर अपनी मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन करते रहे। दिल्ली में सभी बाजार आम दिनों की तरह खुले । इसी तरह सभी राजनीतिक पार्टियों के दफ्तर भी सामान्य रूप से चलते रहे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस की तरफ से जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर जवानों को तैनात किया गया । दिल्ली पुलिस के अलावा अतिरिक्त पुलिस बल भी कई जगहों पर तैनात की गई ।
दिल्ली में प्रवेश के सभी बॉर्डर पर सभी प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से चलते दिखाई दिए । किसानों ने दिन में ग्यारह बजे से तीन बजे तक भारत बंद का आहवान कर रखा था। लेकिन इसका असर दिल्ली में नहीं देखने को मिला। आम लोग राेज की तरह घर से अपने कामों के लिए निकले, तय समय पर सभी बाजार की दुकानें खुलीं और सड़कों पर चहल पहल देखी गई। पुलिस ने पहले से ही एहतियातन सभी जगहों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे थे।
दिल्ली पुलिस के अलावा पैरा मिलट्री फोर्स के जवान सड़कों पर घूमकर स्थिति का जायजा लेते नजर आए। जिन बार्डर पर किसान काफी दिनों से डेरा डाले हुए थे, वहां पहले के मुकाबले भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई । किसानों के प्रदर्शन की वजह से गाजीपुर बार्डर दिन में दोनों ओर से बंद कर दिया गया था, जो तीन बजे के बाद दिल्ली से गाजियाबाद की ओर जाने वाले ट्रैफिक मूवमेंट के लिए खोल दिया गया। बार्डरों पर मौजूद किसानों ने भी बेहद संयमित होकर अपना विरोध जाहिर किया। सुबह से ही राजधानी के अलग अलग इलाकों में पुलिस समूहों में पैदल गश्त करते नजर आई।
केवल एसएचओ, एसीपी ही नहीं बल्कि डीसीपी और ज्वाइंट स्तर रैंक के पुलिस अफसर मार्केट और सड़क पर हालातों का जायजा लेते नजर आए। राजधानी के साउथ एक्सटेंशन पार्ट वन, पार्ट टू, ग्रेटर कैलाश, डिफेन्स कॉलोनी, लाजपत नगर, कनाट प्लेस, कोटला मुबारक पुर, सरोजनी नगर आदि जगहों पर मार्केट रोज की तरह खुलीं, हालांकि सरोजनी नगर के दुकानदारों ने अपनी बाजू पर काली पट्टी बांध किसानों का समर्थंन किया।
इसी तरह ऑटो, टैक्सी, बसें आदि पब्लिक ट्रांसपोर्ट सब जगह सामान्य रुप से चले। कहीं पर भी दिल्ली में भारत बंद के कारण हिंसा या किसी तरह का उत्पात मचाने जैसी घटना सामने नहीं आई। केवल, विभिन्न राजनीतिक दल के नेता जरुर किसानों के समर्थंन में अपनी राजनीति जरुर चमकाते नजर आए। दूसरी तरफ पुलिस भी बार्डर इलाके में ड्रोन कैमरे के जरिए सभी गतिविधियों पर नजर बनाए रखी। तकरीबन सभी बार्डर पर पुलिस ने बैरिेकेडिंग कर सुरक्षा के पूख्ता इंतजाम कर रखे थे।
चांदनी चौक, नई सडक़, खारीबावली,क्लाथ मार्केट, सदर बाजार कश्मीरी गेट, करोलबाग, कनाट पेलस, लाजपत नगर, भगीरथी पैलेस, जैसे बडे बाजारों मे भी पुलिस का कडा पहरा रहा। वहीं मंगलवार को भी इन तीनों ही बार्डरो पर किसानों की संख्या मे इजाफा देखने को मिला। और किसान जमकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नजर आए।
मंगलवार को भी अन्य राज्यों से आए किसानों का जमावड़ा देखा गया। जिसके चलते सिंधु बार्डर टिकरी बार्डर, झडौदा,गाजीपुर बार्डर पर किसानों की संख्या मे इजाफा देखा गया। वहीं भारत बंद होने के चलते किसानो ने सुबह गाजीपुर स्थित एनएच-24 पर जाम कर दिया। जिसके चलते दोनों तरफ यातायात प्रभावित हुआ। ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि टिकरी, झरोदा की सीमाओं और धासा बॉर्डर से यातायात बंद है।
बादुसराई बॉर्डर कारों और दोपहिया वाहनों जैसे सिर्फ हल्के वाहनों के लिए खुला है। झटिकरा बॉर्डर सिर्फ दोपहिया वाहन की जा सकते हैं। जिसके चलते यहां से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पडा। भारत बंद का ऐलान किये जाने के बाद मंगलवार को दिल्ली पुलिस कडा पहरा बॉर्डर से लेकर बडे बाजारों तक देखने को मिला और दिन भर सभी जिलों के आलाधिकारी अपने अपने जिलों के हालात का जायजा लेते नजर आए।
दिल्ली के सिंधु, टिकरी, झडौदा, झटकिरा, लामापुर, औचंदी,गाजीपुर गुरुग्राम, यूपी गेट बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस व अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात रहे। और इन बॉर्डरो पर ड्रोन कैमरे से पुलिस अपनी नजर बनाए हुए थे। दिल्ली की सडकों पर भी पुलिस का सख्त पहरा देखा गया। सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए इन जवानों को बॉर्डर के अलावा भीड़भाड़ वाले प्रमुख बाजारों मे भी तैनात किया गया था,जो पल पल की रिपोर्ट से दिल्ली पुलिस मुख्यालय को अवगत कराते रहे ।
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त सतीश गोलचा ने कहा कि दिल्ली में हालात सामान्य रहे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सूचना नहीं है , लेकिन अगर कोई गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करता है तो उससे दिल्ली पुलिस सख्ती से निपटेगी। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वह शांति बनाए रखें और पुलिस को हर संभव मदद प्रदान करें।