अन्ना हजारे आज कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल से जो उम्मीद की थी, वह समाप्त हो गई है। वह कह रहे हैं कि यदि अरविंद राजनीतिक पार्टी नहीं बनाता तो हम व्यवस्था को बदलने में कामयाब रहते! दरअसल लगातार फेल हो रहे अरविंद के साथ जुड़े नाम के कारण अन्ना अब कन्नी काट रहे हैं और कह रहे हैं कि मैं उसका गुरु नहीं हूं और न ही वह मेरा चेला है! लेकिन सच तो यही है कि जिस दिन अन्ना ने अरविंद के हाथों ब्लैकमेल होना स्वीकार कर लिया था, उसी दिन उन्हें ज्ञात हो जाना चाहिए था कि वह एक भस्मासुर को पैदा कर चुके हैं! अन्ना यदि वास्तव में ईमानदार होते तो उसी दिन दुनिया को यह बता देते, लेकिन नहीं, उन्होंने तब तो चुप्पी साधी ही, उसके बाद भी केजरीवाल के समर्थन में तुरही बजाते रहे!
अन्ना के पूर्व ब्लॉगर राजू पारुलकर ने एक समय यह खुलासा किया था कि अन्ना आंदोलन में जनता से आने वाला चंदा और अन्ना के नाम से जारी एसएमएस कार्ड का धन अरविंद केजरीवाल ने अपने एनजीओ ‘पीसीआरएफ’ में जमा कर लिया था। राजू के मुताबिक चंदे व एसएमएस कार्ड बेचकर करीब 200 करोड़ रुपए की रकम इकटठा हुई थी, जिसमें से केवल 2 करोड़ की रकम अन्ना हजारे को देकर बांकी की रकम केजरीवाल व उसके साथियों ने डकार लिया, जिसका अन्ना ने विरोध किया।
इसे लेकर अन्ना-अरविंद के बीच मंे जबरदस्त विवाद हुआ। इस विवाद को अरविंद के लोगों ने मोबाइल में कैद कर लिया और इसे आधार बनाकर अन्ना को ब्लैकमेल करने लगे। टीम अरविंद ने अन्ना को धमकी दी कि यदि उन्होंने मुंह खोला तो पैसे मांगने की सीडी मीडिया में जारी कर दिया जाएगा, जिससे उनकी बनी-बनाई ‘संत’ की छवि नष्ट हो जाएगी! अन्ना अपनी ‘संतई’ को बचाने के लिए चुप रहे और आम जनता को केजरीवाल और उनके गिरोह के हाथों छलने के लिए छोड़ दिया!
आज यदि अरविंद केजरीवाल कीी टीम के सदस्य एक-दूसरे की ऑडियो-वीडियो टेप, सेक्स सीडी, टिकट के बदले नोट की क्लिपिंग लिए घूम रहे हैं तो यह सब अन्ना की उस चुप्पी का नतीजा है! वास्तव में अन्ना ने ही चुप रह कर इस ‘महत्वाकांक्षी लोमडि़यों’ को सीडी बनाने और उसके आधार पर लोगों को ब्लैकमेल करने के लिए हिम्मत दिया, इसलिए यदि आज वह यह कह रहे हैं कि अरविंद उनकी उम्मीदों पर खड़ा नहीं उतरा तो इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार अन्ना हजारे ही हैं! अन्ना, अरविंद केजरीवाल आज जो दिल्ली से लेकर पंजाब तक की जनता को मूर्ख बनाने और उनकी टीम ब्लैकमेल करने का खेल खेल रही है, यह आपकी ‘गुरुवई’ का ही नतीजा है! क्षमा करें, आप भी इसमें बराबर के हिस्सेदार हैं!