भारत का वामपंथी मीडिया अपनी चीन अपीज़मेंट पांलिसी के लिये हमेशा से जाना जाता रहा है. यह कोई नई बात नही है. लेकिन इस बार तो इस मीडिया ने सारी हदें ही पार कर दीं. जाना माना अंग्रेज़ी अखबार द हिंदू, जो कि वामपंथ का गढ माना जाता है, उससे ईरान के चाबहार बंदरगाह प्रोजेक्ट में भारत की भूमिका को लेकर फेक न्यूज़ फैलाई. अपनी रिपोर्ट मे उसने यह कहा कि भारत को चाबहार बंदरगाह रेल प्रोजेक्ट से ईरान ने बाहर कर दिया. जबकि भारत और ईरान दोनों ही सरकारों ने इस न्यूज़ को झूठी करार दे इसका खंडन किया.
चाबहार बंदरगाह प्रोजेक्ट पर भारत के वामपंथी मीडिया का प्रोपोगैंडा

रति अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों में कवितायें लिखती हैं. इनका अंग्रेज़ी का पहला कविता संग्रह ‘ द सनसेट सोनाटा’साहित्य अकादमी से प्रकाशित हुआ है. रति की हिंदी कवितायें पाखी, संवदिया, परिकथा, रेतपथ, युद्धरत आम आदमी, हमारा भारत आदि साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं. रति दिल्ली में ‘ मूनवीवर्स – चांद के जुलाहे’ के नाम से एक पोएट्री ग्रुप चलाती हैं जहां कविता को संगीत, चित्रकला आदि विभिन्न विधाओं से जोड़ा जाता है और कविता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार भी होता है.
रति चीन के शिनुआ न्यूज़ एजेंसी के नई दिल्ली ब्यूरो में बतौर टी वी न्यूज़ रिपोर्टर कार्य कर चुकी हैं. रति आजकल स्वतंत्र पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं. रति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कांलेज से अंग्रेज़ी विशेष में बी ए आनर्स किया है और इंग्लैंड के लीड्स विश्वविद्यालय से अंतराष्ट्रीय पत्रकारिता में एम ए किया है.
Leave a comment
Leave a comment