पूरे विश्व में इस समय कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर होड़ लगी हुई है कि कौन सबसे पहले बाज़ार में वैक्सीन लायेगा. यहां पर भी फर्स्ट वर्ल्ड यानी विकसित देशों का आधिपत्य देखने को मिल रहा है. यानी वैक्सीन मार्केट में आने से पहले ही मीडिया अपना अल्टीमेटम दे देता है कि फलां कंपनी का वैक्सीन सबसे ज़्यादा उपयुक्त और विश्वसनीय है और फलां का नहीं है. भारत का लेफ्ट लिबरल मीडिया भी जहां एक तरफ एक विदेशी वैक्सीन का गुणगान कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ भारत के स्वदेशी कोरोना वायरस वैक्सीन के खिलाफ प्रोपोगैंडा कर रहा है.
कोरोना वैक्सीन को लेकर लेफ्ट लिबरल मीडिया कर रहा राजनीति
रति अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों में कवितायें लिखती हैं. इनका अंग्रेज़ी का पहला कविता संग्रह ‘ द सनसेट सोनाटा’साहित्य अकादमी से प्रकाशित हुआ है. रति की हिंदी कवितायें पाखी, संवदिया, परिकथा, रेतपथ, युद्धरत आम आदमी, हमारा भारत आदि साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं. रति दिल्ली में ‘ मूनवीवर्स – चांद के जुलाहे’ के नाम से एक पोएट्री ग्रुप चलाती हैं जहां कविता को संगीत, चित्रकला आदि विभिन्न विधाओं से जोड़ा जाता है और कविता से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचार भी होता है.
रति चीन के शिनुआ न्यूज़ एजेंसी के नई दिल्ली ब्यूरो में बतौर टी वी न्यूज़ रिपोर्टर कार्य कर चुकी हैं. रति आजकल स्वतंत्र पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं. रति ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कांलेज से अंग्रेज़ी विशेष में बी ए आनर्स किया है और इंग्लैंड के लीड्स विश्वविद्यालय से अंतराष्ट्रीय पत्रकारिता में एम ए किया है.
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