पेश है ऐसे लोगों की सूची जो कथित रूप से भारत विरोधी विदेशी ताकतों के प्रवक्ता बनकर जनता को गुमराह करने के एजेंडे में 2014 से लगातार जुटे हुए हैं। फेक न्यूज, मुद्दे को संदर्भ से काट कर पेश करना और पंचमक्कारों के हर एजेंडे को शोर मचाकर आगे बढ़ाने में इनकी प्रमुख भूमिका है।
मोदी सरकार के विरोध की आड़ में यह देश विरोध में कई बार खड़े मिलते हैं। इन्हें अपनी पसंद की नीति चाहिए, अपनी पसंद का मीडिया, अपनी पसंद की सरकार, अपनी पसंद की नौकरशाही और अपनी पसंद की ही न्यायपालिका चाहिए।
ऐसा नहीं होने पर यह हर संवैधानिक संस्था पर हमला करते हुए भ्रम का वातावरण पैदा करने का प्रयास करते हैं। इसमें अपनी ‘पेटीकोट मीडिया’ और सोशल मीडिया का यह भरपूर उपयोग करते हैं।
चीन के साथ 2008 में गुपचुप समझौता करने वाली कांग्रेस और उसका गांधी-नेहरू परिवार वाली लीडरशिप सहित सभी जातिवादी, वंशवादी, कम्युनिस्ट, माओवादी और अराजकतावादी पार्टी (आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस) का इनको हर तरह से सहयोग मिलता है।
देश को अस्थिर करने, आंदोलन की आड़ में अराजकता फैलाने, हिंदुओं को जात पात के नाम पर बांटने, मुस्लिम, ईसाई व खालिस्तानियों को एकजुट करने और भारत को दुनिया में बदनाम करने का इनका एजेंडा सेट है।
फिलहाल इनका सबसे बड़ा उद्देश्य किसी भी तरह से केंद्र से नरेंद्र मोदी और उप्र से योगी सरकार को हटाना है ताकि राष्ट्र और हिंदुत्व के नाम पर जो एकता कायम हो रही है, उसे तोड़ा और भटकाया जा सके।
आइए इन पंचमक्कारों पर एक नजर डालें:-
तथाकथित पत्रकार एनडीटीवी और उसका प्राइम टाइम एंकर रविश कुमार, राजदीप सरदेसाई, अभिसार शर्मा, विनोद दुआ, विनोद कापड़ी, विनोद कापड़ी की बीबी साक्षी जोशी, सिद्धार्थ वर्द्धराजन और उसका वेब ‘द वायर’, आशुतोष गुप्ता, अजीत अंजुम, पुण्य प्रसून बाजपेई, शेखर गुप्ता और उसका वेब प्रिंट, निखिल वागले, राजीव शुक्ला के टीवी न्यूज-24 का एंकर संदीप चौधरी, श्रीनिवासन जैन, उमाशंकर सिंह (NDTV).
फहद अहमद, नवीन कुमार (AJTAK), N.RAM और उसका अखबार द हिंदू, राहुल कंवल और इंडिया टुडे, प्रशांत कनौजिया, इमरान प्रतापगढ़ी, रिफत जावेद और उसका वेब जनता का रिपोर्टर, राघव बहल और उसका वेब क्विंट, करण थापर यूट्यूबर धुव्र राठी,
बरखा दत्त, निधि राजदान, सोनिया सिंह, सागरिका घोष, राणा अय्यूब, रोहिणी सिंह, आरफा खानम शेरवानी, स्वती चतुर्वेदी, मृणाल पांडे, सबा नकवी, संजुक्ता बासु, मौसमी सिंह, रोहिणी सिंह, सीमा चिश्ती, तवलीन सिंह, FAYE D’SOUZA, रेडियो मिर्ची वाली आर.जे सायेमा आदि।
वामपंथी एक्टिविस्ट अरूंधती रॉय, अरुंधती के शुरुआती 25 लाख के फंड से खड़ा तथाकथित फैक्ट चेकर (फैक्ट के नाम पर प्रोपोगंडा फैलाने वाला)
अल्ट न्यूज, उसका संस्थापक प्रतीक सिन्हा और सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर, निवेदिता मेनन, कविता कृष्णन,योगिता भयाना, तीस्ता सीतलवाड़, शहला राशिद, शिल्पी सिंह, रीना मिमरोट, दीपिका सिंह राजावत, मेघा पाटकर आदि।
बॉलीवुड से फरहान अख्तर, रणवीर सिंह, अनुराग कश्यप, अनुभव सिन्हा, नसीरुद्दीन शाह, आमिर खान, सैफ अली खान, शाहरुख खान, सलमान खान, रजा मुराद, जावेद अख्तर, प्रकाश राज, कमल हासन, महेश भट्ट,
विशाल ददलानी, कुणाल कामरा, करण जौहर, स्वरा भास्कर, शबाना आजमी, तापसी पन्नू, रिचा चड्ढा, गुल पनाग, दिया मिर्जा, कल्की कोचलीन, हुमा कुरैशी, सोनम कपूर, दीपिका पादुकोण, करीना कपूर खान, प्रियंका चोपड़ा, आलिया भट्ट ,पूजा भट्ट, सोनी राजदान!
आंदोलनजीवी योगेन्द्र यादव, सफूरा जरगर, शोएब जमाई, हर्ष मंदर, मौलाना साद, शरजील इमाम, मेहमूद प्रचा, सकेत गोखले, हंसराज मीना, अशोक स्वेन, काफिल खान, विनय दुबे,
चंद्रशेखर रावण, प्रकाश आंबेडकर, एजाज खान, उमर खालिद, कन्हैया कुमार, शाहरुख पठान, प्रशांत भूषण, इंदिरा जयसिंह, रोहित धवन, कॉलिन गोंजाल्विस, भीमा कोरेगांव के सभी आरोपी, किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तान आंदोलन को हवा देने वाले मो धालीवाल, दीप सिद्धू, दिलजीत दोसांझ आदि।
कथित बुद्धिजीवी रोमिला थापर, रामचंद्र गुहा, कम्युनिस्ट-इस्लामिस्ट तथाकथित इतिहासकार, मुनव्वर राणा, लेफ्टिनेंट जनरल सेवानिवृत्त एच.एस पनाग(गुल पनाग का पिता), अजय शुक्ला, तवलीन सिंह का बेटा आतिश तासीर शोभा डे आदि।
मुस्लिम और जाति की राजनीति के जरिए समाज को तोड़ने की कोशिश करने वाले ओवैसी बंधु, वारिस पठान, सैयद आसिम वकार, ताहिर हुसैन, अबू आज़मी,अमानतुल्लाह खान, सलमान निजामी, जातिवादी उदित राज, चंद्रशेखर रावण, जिग्नेश मेवानी दिलीप मंडल और हार्दिक पटेल।
राजनीति से राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा, पी चिदंबरम, शशि थरूर, कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, शरद पवार, शरद पवार की गोद में बैठी शिवसेना, अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, डी राजा, प्रकाश करात, वृंदा करात,
अलका लंबा, प्रमोद त्यागी, सपा का नेता अखिलेश यादव, आईपी सिंह, ममता बनर्जी, लालू का बेटा तेजस्वी यादव, करुणानिधि का बेटा स्टालिन आदि।
नोट:- यह सूचना WhatsApp से प्राप्त सूची पर आधारित है। चूंकि इसमें से लगभग सभी चेहरे कभी न कभी फेक न्यूज फैलाकर समाज में वैमनस्यता फैलाने के अभियान में एक्सपोज हो चुके हैं। इनमें से कई तो देश की सर्वोच्च अदालत में भी एक्सपोज हुए हैं। अंत india speaks daily की संपादकीय टीम ने इसे प्रकाशित करने का फैसला किया है, परंतु इंडिया स्पीक्स डेली की संपादकीय टीम इसके लिए किसी भी रूप में जिम्मेवार नहीं है।