Archana Kumari. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जिस घटना को लेकर मगरमच्छ की तरह आंसूू बहाए थी। उस चर्चित बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में साकेत कोर्ट ने आरोपी आरिज़ खान को दोषी करार दिया। अदालत अब 15 मार्च को 12 बजे सजा पर बहस करते हुए फैसला सुनाएगी ।
साकेत कोर्ट ने खूंखार आतंकी आरिज़ खान को आईपीसी 186, 333, 353, 302, 307 , 174 a के तहत दोषी करार दिया। कोर्ट ने टिप्पणी की और कहा कि पेश किए गए सबूतों से साबित होता है कि आरिज खान और उनके सहयोगी ने स्वेच्छा से सरकारी कर्मचारियों को बड़ा नुकसान पहुंचाया।
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल नेे फरवरी 2018 में आरिज खान को नेपाल से गिरफ्तार किया था। उस पर भारत में कई जगहों पर बम धमाके के आरोप हैं, जिनमें 165 लोग मारे गए ।
आरोप है कि धमाकों के बाद खूंखार आतंकी आरिज़ नेपाल भाग गया था और फर्जी पासपोर्ट पर सलीम के नाम से छुपा था। पुलिस को जांच में इस एनकाउंटर की कहानी 13 सितंबर 2008 को शुरू हुई, जब दिल्ली के करोल बाग, कनॉट प्लेस, इंडिया गेट और ग्रेटर कैलाश में हुए सीरियल बम ब्लास्ट हुआ और उस ब्लास्ट में 26 लोग मारे गए थे, जबकि 133 लोग घायल हो गए थे।
दिल्ली पुलिस ने जांच आधार पर खुलासा किया था कि बम ब्लास्ट को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने अंजाम दिया था। ब्लास्ट के बाद 19 सितंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि इंडियन मुजाहिद्दीन के पांच आतंकी बाटला हाउस के एक फ्लैट में मौजूद हैं।
इस जानकारी के बाद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा ने आतंकियों को पकड़नेे की योजना बनाई। उन्होंने लोधी कॉलोनी स्थित ऑफिस में मौजूद एसआई राहुल कुमार सिंह को इसकी जानकारी दी ।
उन्होंने राहुल को बताया कि सीरियल ब्लास्ट का एक आरोपी आतिफ एल-18 में रह रहा है। उसे पकड़ने के लिए टीम लेकर वह बाटला हाउस पहुंच जाए। इस सूचना के बाद राहुल सिंह अपने साथियों एसआई रविंद्र त्यागी, एसआई राकेश मलिक, हवलदार बलवंत, सतेंद्र ,विनोद गौतम आदि पुलिसकर्मियों को लेकर प्राइवेट गाड़ी में रवाना हो गए।
इस बीच इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा ने मामले की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी दी और फिर डेंगू से पीड़ित अपने बेटे को नर्सिंग होम में छोड़ कर बाटला हाउस के लिए रवाना हो गए। उस वक्त पुलिस टीम को यह नहीं पता था कि बाटला हाउस में बिल्डिंग नंबर एल-18 में फ्लैट नंबर 108 में सीरियल बम ब्लास्ट के जिम्मेदार आतंकवादी रह रहे थे।
पुलिस टीम उस फ्लैट में मौजूद लोगों को पकड़ कर पूछताछ के लिए ले जाने आई थी। आतंकियों को पकड़ने के लिए मोहन चंद शर्मा सेल्समैैैन की भूमिका में थे और फ्लैट पर पहुंचते ही आतंकियों ने अचानक गोली चला दी थी।
बाटला हाउस एनकाउंटर में उस समय दो आतंकी मारे गए थे जबकि एक आतंकी को उन्होंने पकड़ लिया था जबकि दो अन्य आतंकी फरार होने में कामयाब रहे थे।
इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा शहीद हो गए थे, जिसको लेकर उस समय काफी राजनीति शुरू हुई थी। इसी एनकाउंटर को लेकर साकेत कोर्ट ने 2008 के बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में शामिल आतंकी आरिज खान दोषी करार दिया ।
अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरिज उर्फ जुनैद के मौका-ए-वारदात पर मौजूद होने को साबित करने में सफल रहा। कोर्ट ने आरिज खान को हत्या, हत्या का प्रयास, सरकारी कर्मचरियों पर हमला, सरकारी कर्मचारी के काम में बाधा डालने, सरकारी अधिकारी को गंभीर रूप से जख्मी करने, आर्म्स एक्ट समेत अन्य आरोपों में दोषी करार दिया है।
अदालत ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के शहीद इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा एवं दो जख्मी पुलिसकर्मियों के पारिवारिक, सामाजिक एवं आर्थिक हालात की जानकारी देने के निर्देश जांच अधिकारी को दिए हैं। अदालत ने कहा है कि इसके हिसाब से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने पर विचार किया जाएगा।
इससे पहले 2013 में एक आतंकी शहजाद अहमद को इस मामले में सजा हो चुकी है। बटला हाउस एनकाउंटर के दौरान आरिज खान और शहजाद दोनों वहां से भाग निकलने में कामयाब हो गए थे, जबकि इनके दो साथी बटला हाउस में तथा एक बाद में मार गिराया गया था।
इनकी पहचान आतिफ आमीन, मोहम्मद सैफ और मोहम्मद साजिद के तौर पर की गई थी । आरिज खान 2008 में दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद और यूपी की अदालतों में हुए धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता रहा है।
आरिज खान पर 15 लाख रुपये का इनाम था और इसके खिलाफ इंटरपोल के जरिये रेड कॉर्नर नोटिस निकला गया था। आजमगढ़ के रहने आरिज खान उर्फ जुनैद को दोषी करार देने पर उस समय के तत्कालीन एसीपी और वर्तमान में डीसीपी संजीव यादव ने खुशी जाहिर की ।
उनका कहना है कि इस मामले में अदालत से न्याय हुआ जबकि अदालत ने आरिज़ खान को दोषी ठहराकर इंस्पेक्टर मोहनचंद शर्मा के परिवार को इंसाफ दिया। सनद रहे जी इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच में इंस्पेक्टर रहे श्रीनिवासन ने आरोप पत्र दाखिल किया जबकि इस मामले में दाखिल आरोपपत्र की लगभग सभी धाराओं के तहत आरिज़ खान को अदालत ने दोषी ठहराया है और इसके अलावा एक हवलदार पर चलाई गई गोली के मामले में भी उसे दोषी ठहराया गया